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November 21, 2024
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वीर सावरकर जयंती- लेखक, विचारक, कवि, ओजस्वी वक्ता, दूरदर्शी नेता

लखनऊ: भारत तिब्बत संवाद मंच के संरक्षक डॉ. संजय शुक्ला ने वीर सावरकर जयंती पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के जांबाज और प्रखर राष्ट्रवादी नेता के रूप में हम विनायक दामोदर सावरकर जी को जानते हैं। उल्लेखनीय है कि विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को मुंबई में नासिक के भगूर गांव में हुआ था।

लेखक, वकील और हिंदुत्व विचारधारा के समर्थक सावरकर को 1937 में हिन्दू महासभा का अध्यक्ष चुना गया था। उनकी पहचान एक लेखक, विचारक, कवि, महान चिंतक, ओजस्वी वक्ता, दूरदर्शी नेता के रूप में भी है।

वीर सावरकर जयंती

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डॉ शुक्ला ने कहा कि उन्हें आज वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है तो उन्हें हिन्दू राष्ट्रवादी भी कहा जाता है। हिन्दुत्व विचारधारा को विकसित करने का श्रेय उन्हें ही जाता है। वह एक ऐसे इतिहासकार भी हैं, जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र विजय के इतिहास को प्रमाणित ढंग से लिपिबद्ध किया है।

उन्होंने कहा कि सावरकर पर शोध करने वाले निरंजन टकले कहते हैं कि 1910 में नासिक के जिला कलेक्टर की हत्या के आरोप में पहले सावरकर के भाई को गिरफ्तार किया गया था। तभी सावरकर पर आरोप था कि उन्होंने लंदन में अपने भाई को एक पिस्टल भेजी थी। जिसका हत्या में इस्तेमाल किया गया था।

जब सावरकर को भारत लाया जा रहा था तभी वह जहाज के शौचालय के पोट होल से समुद्र में कूद गए थे। सावरकर को चोट भी लगी थी, लेकिन उन्होंने निरंतर तैरते हुए प्रति मिनट 450 मी का फासला तय किया।

उन्होंने कहा कि इसके बाद तट पहुंचने पर उन्हें पकड़ लिया गया। उन्हें अगले 25 वर्षों तक के लिए अलग-अलग दो सजा सुनाई गई और उन्हें भारत से दूर काला पानी भेज दिया गया। उन्होंने वीर सावरकर को नमन करते हुए कहा कि वह भारत के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 1857 की लड़ाई को भारत का प्रथम स्वाधीनता संग्राम बताते हुए 1907 में लगभग एक हजार पृष्ठों का इतिहास लिखा था। आज हम उनकी जयंती पर बार-बार नमन करते हैं।

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