उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल भाद्रपद माह के दूसरे सोमवार को अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। भगवान महाकाल ने श्रावण-भादौ मास की छठी और भाद्रपद मास की दूसरी सवारी में अपने भक्तों को दों रूपों में दर्शन दिये। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन लाभ लिये।
गौरतलब है कि भगवान महाकाल की श्रावण-भादौ मास में छह सवारी के साथ ही सातवीं शाही सवारी निकाली जाती है। इसी क्रम में सोमवार शाम को राजाधिराज भगवान महाकाल की छठवीं सवारी निकाली गई। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया गया।
इसके बाद निर्धारित समय से भगवान महाकाल की पालकी को भ्रमण के लिए रवाना किया गया। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा सम्पन्न करवाया गया।
सभामंडप में पूजन महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल द्वारा किया गया। पूजन के पश्चात सभी गणमान्यों ने पालकी को कांधा देकर भ्रमण की ओर रवाना किया।
रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा चन्द्रमौलेश्वर का अभिषेक-पूजन किया
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी मे विराजित चन्द्रमौलेश्वर भगवान को सलामी दी गई। पालकी के आगे घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थीं। राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे।
महाकालेश्वर भगवान की छठी सवारी में रजत जड़ित पालकी में भगवान चन्द्रमौलेश्वर विराजित थे और पालकी के पीछे भगवान मनमहेश ने हाथी पर रजत सिंहासन पर विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जाना।
भगवान चन्द्रमौलेश्वर की पालकी महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से शाम चार बजे रवाना होकर बड़ा गणेश मंदिर के सामने, रूद्रसागर, हरसिद्धि मंदिर के समीप से नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची।
रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा चन्द्रमौलेश्वर का अभिषेक-पूजन किया गया। क्षिप्रा नदी के जल से अभिषेक-पूजन व आरती के पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी मंदिर होते हुए देर शाम महाकाल मंदिर पहुंची।
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भ्रमण के दौरान शिव ने की शक्ति से भेंट
नगर भ्रमण के दौरान बाबा महाकाल जैसे ही मां हरसिद्धी मंदिर के द्वार पर मां से भेंट करने पहुंचे, माता शक्ति एवं बाबा सर्वशक्तिमान के जयकारों की गूंज से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बन गया। मां हरसिद्धी के द्वार पर बाबा महाकालेश्वर व मां की आरती के समय वातावरण मोहक बनाने के लिए आकर्षक आतिशबाजी व पुष्प वर्षा की गयी।
उज्जैन में मां और भगवान महाकाल के भेंट के दृश्य को देखकर वहां उपस्थित सभी भक्त अत्यंत भाव-विभोर होकर उस अमूल्य क्षण का आनन्द ले रहे थे। आरती के पश्चात सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में वापस आई, जहां सभामण्डप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम हुआ।
सवारी के दौरान भगवान महाकालेश्वर के वैभव, ऐश्वर्य व गरिमा की छटा चारों ओर देखते ही बन रही थी। सवारी मार्ग रंगबिरंगी पताकाओं एवं छत्रियों व लाल कारपेट से सुशोभित हो रहा था। सम्पूर्ण मार्ग में चोपदार व तोपची भगवान के आगमन की सूचना देते हुए आगे-आगे चल रहे थे।
भगवान महाकाल के वैभव, ऐश्वर्य और गरिमा को चारों ओर बिखेरते हुए निकली सवारी
झाडूवाहक चांदी की झाड़ू से मार्ग को स्वच्छ करते हुए चल रहे थे। भगवान के नगर भ्रमण पर ढोलवादक, झांझवादक आदि अपने वाद्यों को बजाते हुए हर्षोंउल्हास के साथ अवन्तिका नाथ की भक्ति में लींन दिखायी दे रहे थे।
बाबा महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के दौरान संपूर्ण मार्ग में फूलों व रंगों की रंगबिरंगी रंगोली, आतिशबाजी, सतरंगी ध्वज, छत्रियां आदि के माध्यम से सजाया गया। सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने के लिये आधुनिक सज्जा के उपायों द्वारा सुसज्जित, सुन्दर व भव्य बनाया गया। सवारी के दौरान आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीमित संख्या में थे।
मंदिर प्रशासक नरेन्द्र सूयवंशी ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से मंदिर की आई.टी. शाखा व उज्जैन एन.आई.सी की सहायता से मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in के माध्यम से स्मार्ट सिटी द्वारा उज्जैन की सड़कों के किनारे लगाई गई एल.ई.डी. , फेसबुक पेज, यू-ट्यूब व सभी स्थानीय चैनलों पर सवारी के साथ-साथ बाबा महाकालेश्वर के दर्शनों का भी प्रतिदिन लाइव प्रसारण किया रहा है।
जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ अधिक संख्या में घर पर ही प्राप्त कर रहे हैं। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट पर लाइव प्रसारण/दर्शन के अतिरिक्त ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग, दान आदि की सुविधा भी उपलब्ध है।
छटीं सवारी में कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल, प्रशासक एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नरेन्द्र सूर्यवंशी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।