ऋषिकेश: पाकिस्तान की गोलीबारी में 13 नवम्बर को शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल आज यहां पंचतत्व में विलीन हो गए। राकेश डोभाल जम्मू कश्मीर के बारामुला क्षेत्र में पाकिस्तान सीमा पर तैनात थे। ऋषिकेश के रहने वाले राकेश डोभाल का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह ऋषिकेश पहुंचा, जहां उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद पूर्णानंद घाट पर बीएसएफ के जवानों द्वारा बंदूकों से सलामी दी गई। उनके छोटे भाई उमेश डोभाल ने चिता को मुखाग्नि दी।
राकेश डोभाल की अंतिम यात्रा निकाले जाने के दौरान तीर्थ नगरी के लोग गमगीन दिखाई दिए। पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन किए जाने से पूर्व राकेश डोभाल के गंगानगर स्थित घर पर उन्हें अश्रूपूरित श्रद्धांजलि देने वालों का बड़ी संख्या में तांता लगा रहा।

गंगानगर स्थित राकेश डोभाल के घर से पूर्णानंद घाट तक निकाली गई अंतिम यात्रा के दौरान जगह जगह तमाम राजनीतिक, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने उन्हें पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सड़कों पर राकेश डोभाल अमर रहें, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से तीर्थ नगरी गूंज उठी।
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ज्ञातव्य है कि बीएसएफ मुख्यालय से 13 नवम्बर को राकेश डोभाल के घर में उनकी शहादत की सूचना आने के बाद से परिवारजनों को उनकी पार्थिव देह लाये जाने का इंतजार था। बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल वर्तमान में जम्मू कश्मीर के बारामुला में तैनात थे।
बीएसएफ मुख्यालय से उनके स्वजनों को बताया गया कि पाकिस्तान सेना की ओर से की गई अकारण गोलीबारी के दौरान मुकाबला करते हुए सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई थी।
ऋषिकेश के गली नंबर चार, गणेश विहार गंगानगर निवासी राकेश डोभाल परिवार में तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। बड़े भाई दीपक डोभाल ग्राफिक एरा देहरादून में टीचर हैं। छोटा भाई उमेश डोभाल दिल्ली होटल में कार्यरत है। राकेश डोभाल की पत्नी संतोषी गृहणी है और उनकी 10 वर्षीय एक पुत्री मौली है।
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