32.1 C
New Delhi
May 19, 2024
देश

भारत के लिए आसमानी ताकत बना राफेल जेट

-अंबाला एयरबेस पर औपचारिक तौर पर वायुसेना में शामिल किये गए पांच राफेल जेट
-वन्दे मातरम् और मां तुझे सलाम…जैसे गीतों से बना राष्ट्रीय पर्व जैसा माहौल
-भारत के लड़ाकू विमानों ने आसमान में दिखाई भारत की ताकत
राफेल जेट
क्यों दुश्मन घबराया है राफेल जेट से:
  • राफेल जेट लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है। दो इंजन वाला विमान है, जिसकी भारतीय वायुसेना को लम्बे समय से दरकार थी।
  • राफेल जेट में हवा से हवा में मार करने वाली तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं, जिसमें मीटियोर मिसाइल, स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल हैं। अभी इसमें मीटियोर मिसाइल, स्कैल्प मिसाइल लगाई गई हैं और आने वाले दिनों में हैमर मिसाइल लगाए जाने की योजना है।
  • लड़ाकू विमान टेक ऑफ करते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है। राफेल की ऊंचाई पर जाने की क्षमता 300 मीटर प्रति सेकंड है, जो चीन-पाकिस्तान के विमानों को भी मात देता है। यानी राफेल जेट उड़ान भरते ही एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।
  • मौजूदा समय में चीन से टकराव के चलते बर्फीली पहाड़ियों वाली लद्दाख सीमा के हिसाब से राफेल जेट लड़ाकू विमान फिट बैठता है। राफेल वह मल्टी रोल लड़ाकू विमान है और यह पहाड़ों पर कम जगह में भी उतर सकता है। इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं।
  • एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है। इसमें हवा में ही फ्यूल भरा जा सकता है। फ्रांस से भारत आते समय भी रास्ते में फ्रांसीसी विमानों ने राफेल को हवा में ही ईंधन दिया था।
  • राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल जेट में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है, ये 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है.
  • भारत को मिले राफेल लड़ाकू विमान करीब 24,500 किलोग्राम तक का भार उठाकर ले जाने के लिए सक्षम हैं और साथ ही 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान भर सकते हैं।
  • राफेल में अभी जो मिसाइलें लगी हैं, वो सीरिया, लीबिया जैसी जगहों में इस्तेमाल हो चुकी हैं। इसके अलावा जल्द ही इजराइली स्पाइस-2000 को भी इसमें जोड़ा जाएगा।
  • भारतीय वायुसेना को अभी तक पांच राफेल लड़ाकू विमान मिले हैं, दूसरी खेप में चार और राफेल अक्टूबर में आने वाले हैं। 2022 तक सभी 36 विमानों की आपूर्ति किये जाने का भरोसा फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने दिया है जिन्हें अलग-अलग एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।
  • राफेल लड़ाकू विमान अभी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं, जो चीन और पाकिस्तान सीमा के पास है। ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में ये बिल्कुल भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • राफेल जेट का पहली स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ अंबाला हवाई अड्डे पर बनाई गई है जबकि दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर होगी।
  • 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे और छह ट्रेनर होंगे। ट्रेनर विमान ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी।

यह भी पढ़ें: ​भारत आने के लिए फ्रांस से उड़े 5 राफेल, 29 जुलाई को पहुंचेंगे भारत

Related posts

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस उपद्रव से ली सीख, कड़े सुरक्षा बंदोबस्त

Buland Dustak

दिल्ली-NCR में प्रदूषण बेकाबू, लॉकडाउन पर हो विचार: सुप्रीम कोर्ट

Buland Dustak

सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान का प्रथम चरण 07 फरवरी से

Buland Dustak

​भारत आने के लिए फ्रांस से उड़े 5 राफेल, 29 जुलाई को पहुंचेंगे भारत

Buland Dustak

बांसवाड़ा में केदारनाथ हाइवे पर बरस रहे हैं पत्थर

Buland Dustak

चीन के खिलाफ भारत का बड़ा कदम, बॉर्डर पर भेजे 50 हजार और सैनिक

Buland Dustak