गुमला, 14 फरवरी (हि.स.)। पुलवामा हमले में शहीद हुए हवलदार विजय सोरेंग को सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शहादत दिवस पर उच्च विद्यालय कुम्हारी में आयोजित कार्यक्रम में सीआरपीएफ, स्थानीय प्रशासन व प्रबुद्ध नागरिकों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। मौके पर सीआरपीएफ द्वारा शहीद के परिवार को सम्मानित किया गया।
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इनमें गुमला जिले के बसिया प्रखंड अंतर्गत फरसामा गांव के हवलदार विजय सोरेंग भी शामिल थे। शहीद विजय सोरेंग सीआरपीएफ की 82वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। विजय सोरेंग 1993 में सेना में भर्ती हुए थे। 1995 में एसपीजी में कमांडो दस्ता में शामिल हुए।
शहीद जवान के पिता बिरिस सोरेंग ने बताया कि बेटे के शहीद हुए तीन वर्ष हो गए हैं, पर अब भी विश्वास नहीं होता। आज भी ये महसूस होता है कि बेटा कहीं से वापस घर लौटेगा। उन्होंने कहा कि वे खुद फौज की नौकरी से रिटायर हुए हैं और बेटे के देश के लिए शहीद होने से खुद को काफी गौरवान्वित महसूस करते हैं।
शहीद की मां लक्ष्मी सोरेंग ने कहा कि बेटे से बिछड़ने का अफसोस तो हैं, पर गर्व है कि मेरा बेटा देश सेवा में शहीद हुआ। शहीद विजय के भाई संजय सोरेंग ने कहा कि भाई के शहीद हुए तीन वर्ष हो गए, लेकिन लगता है कि वह अभी भी ड्यूटी पर तैनात हैं।
नहीं हुआ शहीद के गांव का विकास
पिता बिरिस सोरेंग ने बताया कि शहीद विजय का गांव अभी भी उपेक्षित है। गांव में पेयजल की बड़ी समस्या है। यहां तक आने वाली सड़क भी काफी जर्जर अवस्था में है। उन्होंने बताया कि प्रशासन से मांग रखी गई थी कि कुम्हारी तालाब चौक को विजय चौक बनाकर वहां शहीद की प्रतिमा लगाई जाए, शहीद के नाम से स्टेडियम का निर्माण कराया जाए एवं शहीद के घर तक आने वाली सड़क का निर्माण किया जाए, लेकिन अब तक एक भी मांग पूरी नहीं हुई है।
कार्यक्रम में देर से पहुंचे विधायक
स्थानीय विधायक जिग्गा सुसारण होरो शहीद विजय सोरेंग के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के समापन के उपरांत उच्च विद्यालय पहुंचे। उन्होंने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहीद के पिता ने विधायक से गांव में मूलभूत सुविधा का अभाव, शहीद की प्रतिमा कुम्हारी तालाब चौक में लगाने, कुम्हारी से फरसामा तक सड़क की मरम्मती आदि की मांग की। इस पर विधायक ने सारी मांगे पूरा करने की बात कही।
बीसीसीएल ने नहीं निभाया अपना वादा
बताया जाता है कि शहीद विजय के परिजनों को बीसीसीएल कंपनी ने 91 लाख रुपये देने की घोषणा की थीं लेकिन अभी तक घोषणा पर अमल नहीं किया गया।
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