- एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कवायद में दशकों पुराने झूठ की खुली पोल - दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, मसूद अजहर के साथ तालिबान पर भी लगाए प्रतिबंध
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने दशकों बाद पहली बार कबूला है कि दाऊद इब्राहिम उनके मुल्क में है। पाकिस्तान लम्बे समय से आतंकी फंडिंग की निगरानी रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में है। इसी से बाहर आने या ब्लैक लिस्ट किए जाने की आशंका से घबराकर पाकिस्तान ने अपने यहां के आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों की एक सूची जारी की है। इस सूची में 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के बाद भारत के लिए सबसे वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम का भी नाम है। इसके अलावा 26/11 के मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद, मसूद अजहर समेत 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के नाम हैं। पाकिस्तान ने इन सभी और उनके आकाओं पर तथाकथित कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को घेरने की कोशिशों में जुटे पाकिस्तान की करीब दो महीने पहले तब फजीहत हो गई थी जब आतंकवाद की फंडिंग पर निगरानी रखने वाली संस्था एफएटीएफ ने उसे ‘ग्रे लिस्ट’ में ही बनाए रखने का फैसला किया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने हाल ही में पाकिस्तान को आतंकियों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। इसी के अनुपालन में पाकिस्तान ने अपने यहां के 88 आतंकवादी समूहों के सदस्यों पर अधिक प्रतिबंध लगाये हैं। सबसे बड़ी बात यह कि पाकिस्तान आज तक अपने यहां दाऊद इब्राहिम के मौजूद होने की बात को नकारता रहा है।
पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में
यह पहली बार है कि जब पाकिस्तान ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि दाऊद उसके यहां है। दाऊद पाकिस्तान के कराची में रहता है। इसके अलावा जमात-उद-दावा के हाफिज सईद अहमद, जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद अजहर और जकीउर रहमान लखवी के भी नाम सूची में हैं। जकी उर रहमान का नाम 2015 से इस सूची में है। दरअसल पाकिस्तान इस समय एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। यदि वह एफएटीएफ के सुझावों के अनुसार आतंकी फंडिंग रोकने के उपाय नहीं करता है तो उसे काली सूची में भी डाला जा सकता है। पाकिस्तान इस बार ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिश में यह कवायद कर रहा है।
पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और हाफिज, मसूद अजहर और दाऊद जैसे आतंकी आकाओं की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश जारी किए हैं। दरअसल पाकिस्तान के सिंध प्रांत ने प्रतिबंधित संगठनों के मदरसों, अस्पतालों व अन्य गैर सरकारी संगठनों की परिसंपत्तियों को सरकार के कब्ज़े में लेने के दो विधेयक पारित किए हैं। इनमें 26/11 के मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर भी प्रतिबंधों का ऐलान किया है।
सिंध के प्रोविंसियल पार्लियामेंट में वहां के संसदीय कार्य मंत्री मुकेश कुमार चावला ने सिंध कोऑपरेटिव बिल और सिंध ट्रस्ट बिल पेश किए, जिसे पास कर दिया गया। एफएटीएफ की अक्टूबर में होने वाली बैठक के मद्देनजर पाकिस्तान ने एंटी टेररिस्ट विधेयक पास किये हैं। अधिसूचनाओं में जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद के अलावा तालिबान, दाएश, हक्कानी समूह, अलकायदा और अन्य आतंकी संगठनों पर प्रतिबन्ध लगाए गए हैं।
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