-भारत में अब 10 ब्लू फ्लैग समुद्र तट
नई दिल्ली: तमिलनाडु के कोवलम और पुडुचेरी के ईडन समुद्री तट को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय इको-लेबल “ब्लू फ्लैग” का खिताब दिया गया है। यह प्रमाणन प्राचीन तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा और संरक्षण के लिए उठाए जा रहे सफल प्रयासों के कारण मिला है।
विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान करने वाली संस्था फाउंडेशन फॉर एन्वारमेंट एजुकेशन इन डेनमार्क (एफईई) ने पहले देश के आठ समुद्री तटों को इस खिताब से नवाजा था, जिनमें गुजरात से शिवराजपुर, दीव से घोघला, कर्नाटक से कासरकोड और पदुबिद्री, केरल से कप्पड, आंध्र प्रदेश से रुशिकोंडा, ओडिशा से गोल्डन और अंडमान और निकोबार से राधानगर शामिल हैं। इन सभी आठों समुद्री तट को भी दोबारा से प्रमाण पत्र दिया गया है।
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इस मौके पर केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने खुशी व्यक्त करते हुए सभी को बधाई दी। मंगलवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ और हरित भारत के सफर में एक और मील का पत्थर है।
ब्लू फ्लैग के लिए 33 कड़े मानदंडों पर उतरना पड़ता है खरा
ब्लू फ्लैग प्राप्त करने के लिए समुद्री तटों की साफ-सफाई से लेकर 33 मानकों पर खरा उतरना होता है। प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय इको-लेबल “ब्लू फ्लैग” देने वाले जूरी में यूनेस्को, यूएनडब्लूटीओ, यूएनईपी, आईयूसीएन आदि के सदस्यों को शामिल किया गया है।
एफईई, डेनमार्क ने 33 सख्त अनुपालन के मानक तैयार किए हैं, जिसमें साफ-सफाई, समुद्री कचरे का निस्तारण, वहां के वनस्पतियों की देख रेख, हितधारकों की हितों की रक्षा शामिल है। इसके लिए समुद्री तटों में किए जा रहे प्रयासों की नियमित निगरानी और ऑडिट की जाती है, तब मिलता है लहराता हुआ “ब्लू फ्लैग”।