11.1 C
New Delhi
December 8, 2024
देश

रिश्तों में कड़वाहट के बाद भी चीन बना भारत का टॉप बिजनेस पार्टनर

- आयातित मशीनों पर नई दिल्ली की निर्भरता अभी भी चीन पर
- 2020 में द्विपक्षीय कारोबार हुआ 77.7 अरब डॉलर के पार
- अमेरिका भारत का दूसरा, संयुक्त अरब अमीरात तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर

नई दिल्ली, 23 फरवरी

पिछले साल पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद भी चीन भारत का टॉप बिजनेस पार्टनर बना हुआ है। असल में, इस हिंसक झड़प के बाद भी आयातित मशीनों पर नई दिल्ली की निर्भरता की वजह से बीजिंग के साथ कारोबार लगातार बढ़ रहा है।

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आर्थिक और रणनीतिक मसले पर लंबे समय से भिड़ने के बाद भी पिछले साल दोनों देशों का द्विपक्षीय कारोबार 77.7 अरब डॉलर को पार कर गया है।

हालांकि, यह कारोबार उससे पिछले साल के 85.5 अरब डॉलर की तुलना में काफी कम है। इसके बावजूद अमेरिका को पछाड़कर चीन भारत का टॉप ट्रेड पार्टनर बना हुआ है.। 2020 मेंअमेरिका के साथ द्विपक्षीय कारोबार 75.9 अरब डॉलर पर रहा है। कोरोनावायरस की वजह से भारत में अमेरिकी उत्पादों की मांग घटने की वजह से कारोबार में कमजोरी आई है।

भारत और चीन के बीच
गलवान घाटी में हुए झड़प के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था आत्मनिर्भर भारत का नारा

पिछले साल पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत में चीन के खिलाफ माहौल बना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के सैकड़ों ऐप को बंद करने के बाद पड़ोसी देश से आने वाले निवेश को मंजूरी देने में भी देरी की और आत्मनिर्भर भारत का भी नारा दिया।

इसके बाद भी भारत में कारोबारी चीन के बने हैवी मशीन, टेलीकॉम उपकरण और होम अप्लायंस पर बहुत हद तक निर्भर हैं। इस वजह से साल 2020 में भारत और चीन के बीच ट्रेड गैप करीब 40 अरब डॉलर का रहा।

साल 2020 में कोरोना संकट के बीच भारत ने चीन से 58.7 अरब डॉलर के सामान का आयात किया। यह अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के कुल आयात से अधिक है। अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा, जबकि संयुक्त अरब अमीरात तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है।

आंकड़ों पर गौर करें तो इस बात में सच्चाई दिखती है कि भारत ने अपने पड़ोसी देश से आयात कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके साथ ही नई दिल्ली ने एक साल पहले की तुलना में चीन को अपना निर्यात 11 फ़ीसदी बढ़ाया है, जो पिछले साल 19 बिलियन डॉलर था, जिससे बीजिंग के साथ संबंध और भी खराब हुए हैं।

यह भी पढ़ें: भारत मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग व साझेदारी को कैबिनेट की मंजूरी

Related posts

हिमाचल में भूस्खलन से 148 सड़कें अवरुद्ध, 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Buland Dustak

ममता बनर्जी ने तीसरी बार ली प. बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ

Buland Dustak

वीर सावरकर जयंती- लेखक, विचारक, कवि, ओजस्वी वक्ता, दूरदर्शी नेता

Buland Dustak

DRDO ने बनाई कोविड की दवा, ड्रग्स कंट्रोलर से मिली मंजूरी

Buland Dustak

वायुसेना ने फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द करगिल-गर्ल’ पर जताई आपत्ति

Buland Dustak

वित्त मंत्री ने National Monetization Pipeline प्लान किया लॉन्च

Buland Dustak