पटना/राजगीर, 16 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक राजगीर में 480 एकड में 176 करोड़ की लागत से बने जू-सफारी का लोकार्पण किया। राजगीर सफारी निर्माण में गुणवत्ता एवं उच्चस्तरीय पर्यटक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। इस प्रकार की सफारी देश में एक-दो जगह पर ही उपलब्ध हैं।
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में जू सफारी का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद इसका डिजाइन बना और इसको लेकर विभाग काफी सक्रिय रहा। शिलान्यास के बाद निर्माणाधीन जू सफारी का हमें अनेक बार अंदर से देखने का मौका मिला है। उसी समय हमने कहा था कि नेचर सफारी जो यहां बन रहा है,
उसके बगल में काफी वन क्षेत्र है इसलिए यहां जू सफारी भी बने।सीएम ने कहा कि नेचर सफारी को काफी लोगों ने पसंद किया है। अब जू सफारी भी लोगों को काफी पसंद आयेगी। यह बहुत खुशी की बात है कि राजगीर जू सफारी में टिकट विंडों, कंट्रोल रुम, इटरप्रेटेशन सेंटर, 180 डिग्री थियेटर, ओरिएंटेशन हॉल आदि का निर्माण पूरा हो चुका है।
सीएम ने कहा कि यहां पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। पर्यटकों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी काम किये गये हैं। बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण को यहां रखने का निर्णय हुआ है। हिरण यहां पहले से थे, जिन्हें हर्बीवोरस सफारी में रखा गया है। इन जानवरों के लिए पाँच अलग-अलग बड़े इन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं, जिनमें पर्यटक सुरक्षित वाहनों में बैठकर जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि जू सफारी बनाने का मकसद यह है कि यहां जानवर खुले में विचरण कर सकें और देखने वाले वाहन में बैठकर इसका आनंद ले सकें। राजगीर जू सफारी में पर्यटकों के भ्रमण के लिए 20 वाहन खरीदे गये हैं। एक वाहन में 22 पर्यटक बैठकर भ्रमण कर सकते हैं। फिलहाल राजगीर जू सफारी में दो बाघ, सात शेर, दो तेंदुआ, दो भालू एवं 200 की संख्या में हिरण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बोधगया एवं गया के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक राजगीर आते हैं। पूरे बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य किया गया है। कोरोना काल के पहले तक प्रतिवर्ष बिहार में करीब दो करोड़ पर्यटक आते थे। उन्होंने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में गंगा नदी का जल बारहों महीने घर-घर तक उपलब्ध कराने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है
ताकि लोगों को जल संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। नालंदा विश्वविद्यालय के लिए भी काम किया गया। बिहार में पहला अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में बनवाया गया। इसे भूलिएगा मत। यह काफी लोकप्रिय हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन से हम यहां कुंड में नहाने आते रहे हैं। राजगीर में पांच समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक स्थल हैं। हर धर्म के लोग यहां आते हैं। यहां पंच पहाड़ी के चारों तरफ जो साइक्लोपियन वॉल है, यह दुनिया में एक ही जगह है। विश्व धरोहर की सूची में नालंदा विश्वविद्यालय के बाद इसको शामिल कराने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं।
इसको लेकर केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि राजगीर का काफी विकास किया गया है। मेरा मकसद है कि यहां आकर नई पीढ़ी के लोगों को एक-एक चीजों का एहसास हो। राजगीर आकर लोग जू एवं नेचर सफारी का भ्रमण कर प्रकृति से जुड़ाव महसूस करेंगे।
राज्य सरकार ने जू सफारी निर्माण का जिम्मा वन एवं पर्यावरण विभाग के कुमार हाइट प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 17 जनवरी को इसका शिलान्यास किया था। शिलान्यास से अगले दो साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना था लेकिन लॉकडाउन के चलते काम में देरी हुई। गुजरात के जूनागढ़ से गिर शेर मंगाए गए। तीन जोड़ी बाघों को भी मंगाया गया है। एक जोड़ा तेंदुआ और एक जोड़ा भालू भी जू सफारी में छोड़ा गया है। इसके अलावा हिरण, कृष्ण मृग, चीतल, बारहसिंघा, नीलगाय आदि जानवर मौजूद हैं।
उद्घाटन के मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, रेणु देवी, शिक्षा विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह के अलावे स्थानीय सांसद विधायक एवं वरीय अधिकारियों के साथ जिले के डीएम एसपी मौजूद रहे।
कितने हेक्टेयर में कौन-कौन से जानवर रहेंगे
0.38 हेक्टेयर में तितलियों का पार्क
10.74 हेक्टेयर में विश्व की विभिन्न प्रजातियों के चिड़ियों की एवियरी
20.54 हेक्टेयर में शेर सफारी
20.50 हेक्टेयर में बाघ सफारी
20.63 हेक्टेयर में तेंदुआ सफारी
20.60 हेक्टेयर में भालू सफारी
45.62 हेक्टेयर में हिरण चीतल और सांभर सफारी
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