- भारत के मिराज जेट और फ्रांसीसी वायु सेना के डसॉल्ट राफेल जेट ने एक साथ उड़ान भरी - पहली बार ब्रिटिश के युद्धक विमानों ने इजरायल में उड़ान भरकर इस अभ्यास में भाग लिया
नई दिल्ली: इजरायल में सात देशों के साथ बहुराष्ट्रीय Blue Flag Exercise में हिस्सा लेकर भारतीय वायुसेना की टीम स्वदेश लौट आई है। इसमें भाग लेने वाले राष्ट्रों की वायु सेनाओं ने चौथी और पांचवीं पीढ़ी की क्षमताओं को एकीकृत करने का अभ्यास पूरा किया ताकि अंतर-क्षमता को बढ़ाकर सामूहिक रक्षात्मक बढ़त सुनिश्चित की जा सके।
पांचवें द्विवार्षिक Blue Flag Exercise में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, फ्रांस, ग्रीस और भारत की टीमों ने हिस्सा लिया। यह पहला मौका था जब ब्रिटिश के युद्धक विमानों ने इजरायल में उड़ान भरकर इस अभ्यास में भाग लिया।
वायु सेना के सूत्रों का कहना है कि इस ड्रिल में एफ-35, एफ-15, यूरोफाइटर, डसॉल्ट राफेल और पांचवीं पीढ़ी के कई विमानों ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास का लक्ष्य सामरिक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना, चुनौतीपूर्ण परिचालन वातावरण में पांचवीं और चौथी पीढ़ी के हवाई जहाजों के साथ समन्वय सीखना था, जिसमें वायु सेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
अभ्यास के दौरान प्रतिभागी टीमों ने हवा में, जमीन से हवा में मार करने वाली उन्नत मिसाइलों के खतरे से निपटने और दुश्मन से मुकाबला करने का अभ्यास किया है। सात देशों के साथ यह ‘सबसे बड़ा और सबसे उन्नत’ ब्लू फ्लैग अभ्यास पहली बार 2013 में आयोजित किया गया था।
भारतीय वायुसेना ने 2019 में Blue Flag Exercise अभ्यास कि की थी मेजबानी
इजरायल में अब तक हुए युद्धाभ्यास में यह सबसे बड़ा और आधुनिक हवाई अभ्यास है। इजरायल के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि ब्रिटिश युद्धक विमान इजरायल की धरती पर उतरे हैं।
यह भी पहला मौका है जब भारतीय वायु सेना के मिराज जेट और फ्रांसीसी वायु सेना के डसॉल्ट राफेल जेट ने एक साथ इजरायल के ऊपर उड़ान भरी। इजरायल की वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि आसपास के इलाकों में खुफिया कार्रवाई करते हुए यह अभ्यास इजरायली वायुसेना के लिए रणनीतिक महत्व का है।
भारतीय वायुसेना ने 2019 में चौथे ब्लू फ्लैग हवाई अभ्यास की मेजबानी की थी, जिसमें अमेरिका, ग्रीस, जर्मनी और इटली की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया था। इजरायली वायु सेना ने अपनी क्षमताओं में सुधार के लिए द्विवार्षिक ब्लू फ्लैग अभ्यास को श्रेय दिया है क्योंकि इस अभ्यास ने इजरायली पायलटों को अन्य वायु सेनाओं की कार्यप्रणाली को करीब से देखने का मौका दिया है।
साथ ही उन्हें विदेशी पायलटों और कर्मचारियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करना भी सिखाया है। दुनियाभर में पांचवीं पीढ़ी के विमानों का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से इस साल Blue Flag Exercise का मकसद जटिल माहौल में चौथी और पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के साथ मिलकर जंग लड़ने का तरीका सिखाना था।
Also Read: G20 Summit 2021: विश्व नेताओं के साथ प्रधानमंत्री ने की मुलाकात
480वां लड़ाकू स्क्वाड्रन ब्लू फ्लैग में दूसरी बार शामिल
स्पैंगडाहलेम एयर बेस, जर्मनी में 52वें ऑपरेशन ग्रुप कमांडर अमेरिकी वायु सेना के कर्नल क्रिस्टोफर स्मिथ ने कहा कि विभिन्न प्लेटफार्मों के साथ अभ्यास करने से इस बात का अनुभव हुआ कि वे कैसे काम करते हैं। बहुराष्ट्रीय Blue Flag Exercise हमारे लिए साझेदार देशों के साथ एकीकृत होने का शानदार मौका साबित हुआ है।
स्पैंगडाहलेम एबी का 480वां लड़ाकू स्क्वाड्रन ब्लू फ्लैग में दूसरी बार शामिल हुआ है। अमेरिकी वायु सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल शॉन लूमिस ने कहा कि इस अभ्यास में विभिन्न क्षमताओं और विभिन्न प्लेटफार्मों को एकीकृत करने के तरीके सीखने का अनुभव वास्तव में अच्छा रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना की ओर से कमांडर, मेजर जनरल अमीकम नॉर्किन ने कहा कि यह अभ्यास प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण की गुणवत्ता और भाग लेने वाले देशों की संख्या के मामले में अभूतपूर्व रहा है। यह देश की वायु सेना के बीच साझेदारी और मजबूत बंधन को दर्शाता है और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक कदम-पत्थर के रूप में कार्य करता है।