-अब तक 45 लोगों ने प्लाज्मा किया दान, 25 लोगों को मिला जीवनदान
राजधानी के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में प्रदेश के पहले ‘Plasma Bank’ के उद्घाटन के बाद अब कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों से प्लाजामा दान की अपील की जा रही है, जिससे अन्य गम्भीर संक्रमित मरीजों के इलाज में मदद मिल सके।
दरअसल प्लाज्मा थेरेपी में मरीज के शरीर में एंटीबाॅडीज पहुंचाकर उसे वायरस से लड़ने के लिए बेहतर बनाया जाता है। जब किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो उसका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए उसके खून में मौजूद प्लाज्मा में एंटीबाॅडी का निर्माण करने लगता है तथा इसमें मौजूद यही एंटीबाॅडी ‘कोरोना वायरस’ के संक्रमण को समाप्त करने में मदद करती है।
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मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मंगलवार को कहा गया कि प्रदेश में 830 यूनिट प्लाज्मा की संग्रह क्षमता वाला देश का सबसे बड़ा Plasma Bank क्रियाशील हो गया है। प्रदेश में अभी तक 45 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है जिससे 25 लोगों जीवनदान मिला है।
मरीज डिस्चार्ज के 14 दिन बाद प्लाज्मा दान के लिए आगे आ सकते हैं
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से प्लाज्मा दान के योग्य लोगों की भी जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीज डिस्चार्ज के 14 दिन बाद प्लाज्मा दान के लिए आगे आ सकते हैं। ऐसे मरीज, जिनमें जांच के बाद एंटीबॉडी मौजूद मिले।
एचआइवी-हेपेटाइटिस, डायबिटीज आदि रोग न हो, वह प्लाज्मा दान कर सकते हैं। गर्भवती-प्रसूता प्लाज्मा दान नहीं कर सकती हैं। यह 14 दिन बाद दोबारा दान किया जा सकता है।
KGMU में एक दिन में 120 लोग प्लाज्मा दान कर सकते हैं। इसके लिए पांच प्लाज्मा एफेरेसिस मशीनें आई हैं। एक व्यक्ति से प्लाज्मा संग्रह करने में करीब एक घंटे का वक्त लगता है। डीप फ्रीजर में वर्षभर तक प्लाज्मा सुरक्षित रहेगा। KGMU Bank में उपलब्ध Plasma दूसरे अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों को भी उपलब्ध कराया जाएगा
केजीएमयू व दूसरे संस्थानों से ठीक हो चुके मरीजों को प्लाज्मा दान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। केजीएमयू में इलाज के दौरान संक्रमित होने वाले डॉक्टर व कर्मचारियों को भी प्लाज्मा दान के लिए कहा जा रहा है।