24 फरवरी, 2018 को मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी के आकस्मिक निधन ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया था। श्रीदेवी आज बेशक हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने अभिनय की अमिट छाप जो उन्होंने दर्शकों के दिलों पर छोड़ी है, वह हमेशा अमर रहेगी।
दिवंगत अभिनेत्री बॉलीवुड की उन खूबसूरत और मशहूर अदाकाराओं में से एक थी, जिन्होंने अभिनय के क्षेत्र में न सिर्फ अपना लोहा मनवाया बल्कि उन्होंने इस क्षेत्र में सफलता की उचाईयों को भी छुआ। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया और दर्शकों के दिलों में अपनी खास पहचान बनाई। 13 जनवरी, 1963 को जन्मी श्रीदेवी का असली नाम श्री अम्मा यंगर अय्यपन है।
भारतीय सिनेमा की पहली सुपस्टार कही जाने वाली अदाकारा ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत महज चार साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट तमिल फिल्म ‘कंधन करुणाई’ से की थी। साल 1971 में आई मलयालम फिल्म पूमबत्ता के लिए श्रीदेवी को केरला स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने इस दौरान कई तमिल-तेलुगु और मलायलम फिल्मों में काम किया।
1972 में श्रीदेवी ने फिल्म इंडस्ट्री में रखा कदम
साल 1972 में श्रीदेवी ने फिल्म ‘रानी मेरा नाम’ से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म में इन्हे मशहूर अभिनेता अशोक कुमार के साथ काम करने का मौका मिला था। साल 1979 में आई फिल्म ‘सोलहवां सावन’ बतौर मुख्य अभिनेत्री बॉलीवुड में इनकी पहली फिल्म थी। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली साल 1983 में आई फिल्म ‘हिम्मतवाला’ से। इस फिल्म में श्रीदेवी अभिनेता जीतेन्द्र के अपोजिट मुख्य भूमिका में नजर आई।
फिल्म में श्रीदेवी के अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसके साथ ही श्रीदेवी उस समय बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शामिल हो गई। उस समय का हर बड़ा निर्माता श्रीदेवी को अपनी फिल्मों में लेना चाहता था। श्रीदेवी को लगातार कई फिल्मों के ऑफर मिल रहे थे।
बॉलीवुड में उनके नाम का सिक्का चलने लगा था और बड़े पर्दे पर उनकी एक के बाद एक कई फिल्मे रिलीज होने लगी थी। इनकी प्रमुख फिल्मों में तोहफा, सदमा, नगीना, मिस्टर इंडिया, चालबाज, चांदनी, खुदा गवाह, लाडला, मिस्टर बेचारा, जुदाई, इंग्लिश विंग्लिश, मॉम आदि शामिल हैं।
श्रीदेवी का व्यक्तिगत जीवन
श्रीदेवी को सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वहीं भारत सरकार ने भी साल 2013 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। श्रीदेवी का करियर जब उचाईयों पर था तभी उन्होंने साल 1996 में निर्माता बोनी कपूर से शादी कर ली।
हालांकि बोनी कपूर पहले से शादी शुदा थे, लेकिन इनके प्यार में वह इतने खो गए थे कि उन्होंने श्रीदेवी से शादी करने के लिए अपनी पहली पत्नी से तलाक ले लिया था। वहीं अदाकारा भी बोनी कपूर के प्यार में इस कदर खो गई थी कि वह शादी से पहले ही प्रेग्नेंट हो गई थी। श्रीदेवी और बोनी कपूर की दो बेटियां है जाह्नवी कपूर, जो कि एक अभिनेत्री के तौर पर बॉलीवुड में कायम हो चुकी है और दूसरी बेटी है ख़ुशी कपूर।
फिल्मों में अपने चुलबुले किरदार और अपनी खूबसूरती के लिए जाने जानी वाले श्रीदेवी का अंत समय बहुत दर्दनाक रहा। कहा जाता है कि अदाकारा की मृत्यु 24 फरवरी 2018 को दुबई के एक होटल में बाथटब में डूबने से हो गई।
श्रीदेवी उस समय नहाने के लिये बाथरूम में थीं लेकिन बहुत देर तक बाथरूम से न निकलने पर उनके पति बोनी कपूर दरवाजा तोड़कर अंदर गये और देखा की वह डूब चुकी थीं। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थीं। इस दर्दनाक घटना ने श्री देवी के परिवार वालों के साथ ही उनके चाहने वालों को भी बेहद आहत किया था।आज भी इस बात पर यकीन करना मुश्किल होता है कि फिल्मों में अपने अभिनय से हर तरह के किरदार को जीवंत बना देने वाली श्रीदेवी हमारे बीच नहीं है।
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