नई दिल्ली: QS World University Ranking 2022 के शीर्ष -200 स्थानों में तीन भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी जगह बनायी है। IISC बंगलुरू अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पर है। क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंडस, वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषकों ने बुधवार को विश्व की अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय रैंकिंग का 18वां संस्करण जारी किया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में IIT बॉम्बे को 177वां, IIT दिल्ली को 185वां रैंक हासिल करने पर और IISC बेंगलुरु को 186वां स्थान हासिल करने पर बधाई दी। पोखरियाल ने कहा कि भारत शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा रहा है और एक विश्वगुरु के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे गुरू पर भी उतना ही गर्व है, जो लगातार छात्रों, संकाय के कर्मचारियों और भारतीय शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े अन्य सभी हितधारकों के कल्याण के बारे में सोचते रहे हैं।
QS World University Ranking में 22 भारतीय विश्वविद्यालयों ने टॉप 1000 विश्वविद्यालयों में शामिल
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 और इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस जैसी पहल हमारे कॉलेजों और संस्थानों को वैश्विक स्तर पर रैंकिंग दिलाने में सहायक साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि क्यूएस एवं टाइम्स ग्रुप द्वारा घोषित विश्वविद्यालय रैंकिंग को देखकर इस तथ्य को महसूस किया जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद ख़ुशी और गर्व महसूस हो रहा है कि QS World University Ranking में 22 भारतीय विश्वविद्यालयों ने टॉप 1000 विश्वविद्यालयों में एवं हाल ही में जारी हुई टाइम्स हायर एजुकेशन एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में 18 विश्वविद्यालयों ने टॉप 200 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त किया है। पिछले कुछ वर्षों में हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों ने हाल ही में सभी प्रकार की रैंकिंग्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नई शिक्षा नीति लेकर आए जो कि हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी और उन्हें वैश्विक पटल पर नई पहचान स्थापित करने में मदद करेगी। भारतीय शिक्षा प्रणाली को हमेशा से ही विश्व में सराहा गया है और नई शिक्षा नीति में दिए गए प्रावधानों से सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा के मापदंड और ऊंचे होंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे विश्वविद्यालय अपने बेहतर प्रदर्शन से प्रधानमंत्री के भारत को विश्वगुरु के तौर पर स्थापित करने के विज़न को पूरा करेंगे।