जानें, कोविड 19 और ओमिक्रोन में क्या है अंतर
पूरी दुनिया को कोरोना वायरस ने अपने खुनी पंजों में जकड़ रखा था। धीरे-धीरे मामले कम होने लगे थे, लेकिन नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अपने नये रुप में कोरोना वायरस दुनिया को डराने में लगा हुआ है। विश्वभर के चिकित्सक कोविड-19 के वेरिएंट Omicron को लेकर हर दिन अलग अलग तरह की स्टडीज लेकर आ रहे हैं।
इन स्टडीज में दो बातें प्रमुख हैं- 1. ये वेरिएंट काफी घातक नहीं है । 2. ये तेज दर से फैलता है। अभी तक सबसे ज्यादा म्यूटेशन ओमिक्रोन वैरिएंट में पाए गए हैं। इसी कारण डेल्टा की तुलना में इस वैरिएंट के तेजी से फैलने की दर अधिक है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वैरिएंट के बारे में कई जानकारियां जुटा रहे हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
WHO ने इस बात की चेतावनी भी दी है कि दुनिया भर में जो ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे एक नए और अधिक खतरनाक वैरिएंट का जन्म हो सकता है, जिससे स्थिति बेहद खराब हो सकती है। ऐसे में एक ही सवाल उठता है कि भले ही डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रोन से मरीज की मौत का आंकड़ा बेहद कम है लेकिन अगले वेरिएंट से ऐसा न हुआ तो कैसी स्थिति होगी?
Omicron से पहली मौत राजस्थान में हुई
एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स चेतावनी भी दे रहे हैं कि कोविड-19 इस वेरिएंट को हल्के में न लें। उनका कहना है कि सबसे अधिक जरूरी है कि इसे लेकर जागरूक और सावधान रहा जाए। डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के साथ अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम भले ही कम है, लेकिन संक्रमण की रफ्तार में ये डेल्टा वैरिएंट से कहीं आगे है।
ओमीक्रोन के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं उससे एक बार फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दबाव पड़ना शुरू पड़ना शुरू हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है जिस दर से ओमीक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं उससे गंभीर बीमारी वाले लोग संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमण के मामले अब भारत में भी लगातार बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आज सुबह के अपडेट आंकड़े बताते हैं कि देश में अभी तक कोरोना ओमीक्रोन के 2,135 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 828 मरीज ठीक हो चुके हैं। ये मामले 24 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से सामने आए हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 653, दिल्ली में 464, केरल में 185, राजस्थान में 174, गुजरात में 154 और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए हैं। वही देश में ओमीक्रोन वेरिएंट से पहली मौत राजस्थान में हुई है।
सख्ती और जागरुकता को अपनाने की जरूरत
जिसके चलते कई राज्यों में पांबदियां लगानी शुरू कर दी गई हैं। इससे बचाव के लिए सख्ती और जागरुकता दोनों को अपनाया जा रहा है। जिस तेजी से ये फैल रहा है, उससे लोगों को यही डर सता रहा है कि कही दूसरी लहर की तरह मौत का आंकड़ा न बढ़ जाए, कही इससे अस्पतालों पर भी बोझ न बढ़ जाए और दूसरी लहर की तरह महामारी जैसा संकट उत्पन्न न हो जाए…
ओमिक्रोन की दहशत के बीच महामारी को लेकर लोगों के मन में इस तरह की कई आशंकाएं बनी हुई हैं। कुछ रिपोर्ट्स ऐसी हैं जिनमें दावा किया गया है कि डेल्टा की तुलना में नया वैरिएंट कम खतरनाक है, लेकिन लापरवाही भारी भी पड़ सकती है। क्योंकि कोविड मैनेजमेंट में लगे डॉक्टर्स और मरीजों का कहना है कि ओमीक्रोन का संक्रमण उतना भी हल्का नहीं है जितना कि बताया जा रहा है।
Omicron के लक्षण
ओमिक्रोन के जितने मामले सामने आए है। उनकी जांच के आधार पर हेल्थ एक्पर्ट्स ने बताया कि ओमिक्रोन पॉजिटिव होने के ये लक्षण हैं-
1. थकान या कमजोरी 2. जोड़ों में दर्द 3. जुकाम 4. लगातार सिर दर्द रहना 5. गले में खराश, चुभन या जलन की समस्या 6. रात में सोते समय तेज पसीना आने की समस्या
कोविड 19 और Omicron में अंतर
1. ओमिक्रोन का वायरस गले में पनपता है, जबकि इसके विपरीत कोविड-19 का वायरस गले या नाक के रस्ते से होकर सीधे फेफड़ों पर अटैक करता है।
2. ओमिक्रोन के वायरस से फेफड़ों को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है और सांस लेने में भी समस्या नहीं आती है। जबकि कोविड-19 वायरस से फेफड़ें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। और सांस लेने में भी काफी परेशानी होने लगती है।
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ओमिक्रोन वैरिएंट लोगों को पहुंचा रहा अस्पताल
अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ राजेश चावला ने कहा कि ओमीक्रोन से मृत्यु दर भले ही डेल्टा से कम हो, फिर भी यह लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है। उन्होंने चेताते हुए कहा, ‘मेरे यहां तीन मरीज ऐसे हैं जिन्हें oxygen सपोर्ट की जरूरत है। वे सभी फुली-वैक्सीनेटेड हैं। ओमीक्रोन वेरिएंट अधिकतर अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन करता है लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि फेफड़ों में डैमेज के भी मामले सामने आए हैं, खास तौर से बुजुर्गों और डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी को-मॉर्बिडिटीज वालों में।
अध्यक्ष एंजेलिक कोएट्जी, जो कि दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की पहली अधिकारी थीं, उन्होंने ही कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के बारे में दक्षिण अफ्रीकी सरकार को चेतावनी दी थी। आज भारत समेत विश्व के कई देशों में ओमीक्रॉन दस्तक दे चुका है। देश और दुनिया में इसके मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
सोनाली (दिल्ली विश्वविद्यालय)