अंग्रेजी में एक कहावत है कि “एन एप्पल अ डे, कीप्स द डॉक्टर् अवे” यानी अगर आप रोजाना एक सेब खातें हैं तो आपको डॉक्टर के पास जानें कि जरूरत नही पड़ेगा। इस बात को डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की राय में सही भी पाया गया है।
एक सेब स्वाद से भरपूर, पौष्टिक और बहुतेरे लाभ शरीर को देता है मगर यहां विचार करने योग्य ये बाते हैं कि सेब में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी होतीं है जो कि ब्लड में शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है, हालांकि इसमें उपस्थित कार्बोहाइड्रेट या शुगर आपके शरीर को परिष्कृत और संसाधित शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले शर्करा से अलग तरीके से प्रभावित करते हैं।
तो आज के लेख में हमारी पूरी चर्चा का केंद्र यहीं होगा कि कैसे सेब में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर मे ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करतें है और यदि आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं तो आपको कैसे सेब को अपने आहार में शामिल करना हैं?
पौष्टिकता से है भरपूर
सेब पूरे विश्व मे सबसे ज्यादा लोकप्रिय फलों में से एक हैं, इसके साथ ही यह पौष्टिक भी है। इसमे उच्च मात्रा में विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाएं जाते हैं।
- एक शोध में देखा गया है कि एक मध्यम आकार के सेब में लगभग 104 कैलोरी, 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट या शुगर और 9 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है।
- सेब के पोषक मूल्य का एक बड़ा हिस्सा इसकी रंगीन त्वचा या छिलकें में पाया जाता है इसका लाल चटकदार छिलका जो कि खानें में थोड़ा कड़वा भले लगता है पर पौष्टिकता से भरपूर हैं।
- सेब में ज्यादा मात्रा में पानी और फाइबर (रेशे) भी पाए जातें हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक है।
कार्बोहाइड्रेट और फाइबर्स से है भरपूर
यदि आप मधुमेह (डायबिटीज़) के मरीज़ हैं तो आपको कार्बोहाइड्रेट के सेवन में अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स – कार्बोहाइड्रेट, वसा, और प्रोटीन में से कार्बोहाइड्रेट आपके रक्त शर्करा के स्तर (ब्लड शुगर लेवल) को सबसे अधिक प्रभावित करता हैं। लेकिन ऐसा भी नही है कि हर तरह के कार्बोहाइड्रेट को हम एक ही श्रेणी में रखें।
जैसा कि हम जानतें है एक मध्यम आकार के सेब में 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होतें है लेकिन उसमें से 4.8 फाइबर (रेशे) हैं। फाइबर, आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट के पाचन और अवशोषण को धीमा कर देतें है, जिससे कि शरीर में शर्करा का स्तर त्वरित रूप से घटता या बढ़ता नही हैं।
एक अध्ययन से पता चलता है कि फाइबर, टाइप 2 डाइबिटीज के विरुद्ध सुरक्षात्मक हो सकता है इसी तरह कई दूसरे प्रकार के फाइबर ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करनें में सहायक साबित हो सकतें हैं।
ब्लड शुगर लेवल को मामूली रूप से करता है प्रभावित
हर फल की तरह सेब में भी चीनी होता है लेकिन सेब में पाएं जाने वाला अधिकाश चीनी फ्रक्टोज़ हैं। और जब इस फल में व्याप्त फ्रक्टोज़ का सेवन किया जाता है तो ये शरीर में ब्लड शुगर लेवल को मामूली रूप से प्रभावित कारता है साथ ही सेब में उपस्थित फाइबर चीनी के पाचन और अवशोषण को धीमा कर देता हैं। जिससे कि चीनी रक्त में सीधे प्रवेश नहीं करतीं बल्कि धीरे – धीरे करतीं है जिससे कि एकाएक शुगर लेवल नही बढ़ता।
- सेब में उपस्थित पॉलीफेनॉल भी कार्बोहाइड्रेट के पाचन और ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करनें में सहायक हैं।
- इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) और ग्लाइसेमिक लोड (GL) स्केल दोनों पर अपेक्षाकृत कम स्कोर करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे रक्त शर्करा के स्तर में न्यूनतम वृद्धि करतें हैं।
सेब इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर सकतें हैं
मधुमेह तीन प्रकार के होते हैं –
- टाइप 1
- गैर-इंसुलिन आश्रित (टाइप 2)
- गर्भावस्था के दौरान मधुमेह
टाइप 1 मधुमेह एक ऑटोम्यून्यून डिसऑर्डर है जिसमें आपका अग्न्याशय (पैंक्रियास) पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न नहीं कर पाता। इन्सुलिन एक ऐसा हार्मोन जो आपके रक्त से कोशिकाओं तक चीनी (शुगर) को स्थानांतरित करता है। ऐसे में रोजाना कृतिम रूप से इन्सुलिन इंजेक्ट करना पड़ता है। टाइप 2 मधुमेह में आपका शरीर आमतौर पर दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता हैं। ऐसा इंसुलिन के सेलुलर प्रतिरोध के कारण होता है।
एक अध्य्यन में पाया गया है कि नियमित आधार पर सेब खाना इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में सहायक है जो कि ब्लड में शुगर लेवल को कम कर सकता है। सेब में उपस्थित पॉलीफेनॉल, जो मुख्य रूप से सेब के छिलके में पाया जाता है इंसुलिन को रिलीज करने के लिए अग्न्याशय (पैनक्रिया) को उत्तेजित करता है और कोशिकाओं को ब्लड से शुगर लेने में मदद करता हैं।
मधुमेह(Diabetes) से बचाता है इसमें व्याप्त एंटीऑक्सीडेंट
कई अध्ययनों से पता चला है कि रोजाना सेब खाने से मधुमेह होने का ख़तरा कम होता है। सेब और नाशपाती दोनो ही से कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं और टाइप 2 मधुमेह का ख़तरा कम हो जाता है। 2013 में आई तीन समूह की साझी रिपोर्ट के अनुसार पाया गया कि पूरे फलों, विशेष रूप से ब्लूबेरी, अंगूर और सेब की अधिक खपत, टाइप 2 मधुमेह को कम करनें से जुड़ी हुई थी। हालांकि, यहां फलों के रस को सम्मिलित नही किया हैं।
ऐसे कई कारण हैं जो सत्यापित करतें हैं कि सेब मधुमेह को रोकने में मदद करता है। लेकिन इसमें पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट इस संभावना को सत्य साबित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एंटीऑक्सिडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो आपके शरीर में कुछ हानिकारक रासायनिक प्रतिक्रियाओं को होने से रोकते हैं। ऐसे में ये शरीर को किसी पुरानी बीमारी से बचाने के साथ ही कई स्वास्थ्य लाभ भी देतें हैं।
सेब में निम्नलिखित एंटीऑक्सीडेंट की महत्वपूर्ण मात्रा पाई जाती है (एक अध्ययन के अनुसार):
- Quercetin – रक्त शर्करा को कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट पाचन को धीमा कर सकता है।
- Chlorogenic acid – आपके शरीर को अधिक कुशलता से चीनी का उपयोग करने में मदद मिल सकती है।
- Phlorizin – संभवतः शर्करा के अवशोषण और रक्त शर्करा के स्तर को धीमा कर सकता है।
(नोट – ध्यान रहे कि इन अध्ययनों में नमूना आकार कम थे और इसे अन्य, लंबी अवधि के अध्ययन द्वारा मान्य किए जाने की आवश्यकता होगी)
सवाल- क्या मधुमेह रोगियों को सेब खाना चाहिए?
यदि आपको मधुमेह है तो सेब आपके आहार में शामिल होने के लिए एक अच्छा फल है। मधुमेह के रोगियों के लिए अधिकांश डायटीशियन एक दिशानिर्देशित आहार की सलाह देते हैं जिसमें फल और सब्जियां शामिल होतीं है।
फल और सब्जियां विटामिन, खनिज, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जिसमे सेब, शरीर मे रक्त शर्करा के स्तर में अप एंड डाउन होने की संभावना को कम करता है। इसके अलावा, सेब खाने के बाद अपने रक्त शर्करा की निगरानी करना सुनिश्चित करें और देखें कि वे व्यक्तिगत रूप से आपको कैसे प्रभावित करते हैं।
रोजाना सेब खाने के अन्य लाभ:
आहार में शामिल होने के लिए एक स्वादिष्ट और स्वस्थ भोजन है, भले ही आपको मधुमेह हो या न हो।
* मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए अपने आहार में फल को शामिल करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं :
इसे पूरा खाएं: सभी स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए, सेब को पूरा खाएं। पोषक मूल्य का एक बड़ा हिस्सा इसके छिलके में होता है।
* सेब के जूस से परहेज करें
इसके रस में पूरे फल के समान लाभ समाहित नही होतें क्योंकि इसमे चीनी की मात्रा अधिक है और फाइबर कम होतें हैं।
* अपने हिस्से को सीमित करें
रोजाना एक सीमित मात्रा में सेवन करें। अगर आप एक मध्यम आकार का सेब खाते हैं तो रोजाना उतना ही खाएं, यदि आप मात्रा बढ़ातें हैं तो इससे ब्लड में शर्करा की मात्रा बढ़ सकती है।
-गरिमा सिंह (दिल्ली विश्वविद्यालय)
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