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February 13, 2025
बिजनेस

WhatsApp की नई Privacy Policy को दिल्ली हाईकोर्ट में मिली चुनौती

नई दिल्ली: WhatsApp की नई Privacy Policy को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीयता को खतरा है।

याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी किसी यूजर की सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है। याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा।

WhatsApp Privacy

याचिका में नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है कि व्हाट्स ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को मौलिक अधिकारों के मुताबिक तय करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं।

केंद्र सरकार इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 79(2)(सी) और धारा 87(2)(जेडजी) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए ये सुनिश्चित करे कि व्हाट्स ऐप किसी भी यूजर का डाटा किसी भी तीसरे पक्ष या फेसबुक को किसी उपयोग के लिए शेयर नहीं करे।

WhatsApp Privacy Policy

WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है। अगर व्हाटस ऐप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है तो इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा। ऐसा करना गैरकानूनी है।

व्हाटस ऐप के यूजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं लेकिन उन सूचनाओं का उपयोग किसी और पक्ष से करना गैरकानूनी है। उल्लेखनीय है कि पिछले 4 जनवरी को व्हाट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करते हुए अपने यूजर्स को इसे स्वीकार करने को कहा है।

व्हाट्स ऐप ने कहा है कि अगर यूजर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो 8 फरवरी के बाद उसकी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। व्हाटस ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी यूरोप में लागू नहीं की गई है। यूरोप में डाटा प्रोटेक्शन का कानून है।

यह भी पढ़ें: तेल का उत्पादन बढ़ाने पर बनी सहमति, भारत को मिलेगी बड़ी राहत

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