-वित्त मंत्रालय ने कहा, योजना की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाई गई
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण नकदी की समस्या से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों की मदद के लिए 4.5 लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS Scheme) के तहत कर्ज लेने की समय-सीमा 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दी गई है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि ECLGS Scheme की अवधि और छह महीने यानी 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत वितरण की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 30 जून, 2022 कर दी गई है। गौरतलब है कि विभिन्न उद्योग मंडल और अन्य संबंधित पक्ष पात्र क्षेत्रों और कंपनियों की मदद जारी रहने के इरादे से योजना की मियाद को बढ़ाने की मांग मंत्रालय से कर रहे थे।
मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित विभिन्न कंपनियों की मदद के लिए ECLGS Scheme की समय-सीमा 31 मार्च, 2022 तक या योजना के तहत 4.5 लाख करोड़ रुपये की गारंटी जारी होने तक, जो भी पहले हो बढ़ाने का निर्णय किया गया है।
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ECLGS Scheme पिछले साल मई में शुरू की गई थी
वित्त मंत्रालय के मुताबिक 24 सितंबर, 2021 तक इस योजना के तहत 2.86 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज दिया जा चुका है जबकि कुल जारी गारंटी में से करीब 95 फीसदी गारंटी MSME को दिए गए कर्ज से जुड़ी है।
उल्लेखनीय है कि यह योजना पिछले साल मई में शुरू की गई थी। इसके तहत 1.15 करोड़ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) और कंपनियों को सहायता उपलब्ध करायी गई है।
इसके तहत कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं को देखते हुए पात्र कर्जदाताओं को अपनी परिचालन से जुड़ी देनदारी और कारोबार फिर से शुरू करने के लिए मदद दी गई है। आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज सीमा 7.5 फीसदी है। इसका मतलब है कि बैंक कर्ज इससे कम ब्याज पर दे सकते हैं।