नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्री ने अगले 3 साल में गैर परंपरागत ऊर्जा के उत्पादन के लिए 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि रिलायंस गैर परंपरागत ऊर्जा के उत्पादन के क्षेत्र में व्यापक निवेश और कार्यकुशल प्रबंधन के बल पर साल 2030 तक सौ गीगा वाट सोलर Green Energy का उत्पादन करेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 44वीं एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी परंपरागत ऊर्जा की जगह सोलर और Green Energy के उत्पादन पर ज्यादा जोर दे रही है। कंपनी न्यू और Green Energy सोर्स से ऊर्जा का उत्पादन कर नन कन्वेंशनल एनर्जी सेक्टर की अगुवाई करने की योजना पर काम कर रही है।
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Reliance का इरादा गैर परंपरागत ऊर्जा के उत्पादन के क्षेत्र में शुरू की जा रही अपनी परियोजनाओं के बल पर गुजरात को दुनिया भर के सोलर मैप में प्रमुखता के साथ लाने का है। इसके लिए कई विशेषज्ञों और तकनीशियन्स की मदद से रिलायंस ने न्यू एनर्जी काउंसिल का गठन किया है। इसके साथ ही गुजरात के जामनगर में धीरुभाई अंबानी Green Energy कॉम्प्लेक्स के निर्माण की शुरुआत की गई है, जिसकी उत्पादन क्षमता 5000 गीगा वाट की होगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की योजना ग्रीन और क्लीन एनर्जी के उत्पादन की है
एजीएम में मुकेश अंबानी ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की योजना ग्रीन और क्लीन एनर्जी के उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करने की है। इसके तहत सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, फ्यूल सेल मेकिंग फैक्ट्री, एनर्जी स्टोरेज के लिए बैटरी फैक्ट्री और इलेक्ट्रोलाइजर फैक्ट्री की शुरुआत की जाएगी। इलेक्ट्रोलाइजर फैक्ट्री में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
एनुअल जनरल मीटिंग को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा के पर्यावरण की रक्षा के लिए गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने माना कि गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन शुरुआती दौर में महंगा हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में संचालन खर्च (ऑपरेटिंग कॉस्ट) काफी कम होने की वजह से गैर परंपरागत ऊर्जा की लागत न्यूनतम हो सकती है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति से असीमितत मात्रा में गैर परंपरागत ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है, क्योंकि प्रकृति के पास ऊर्जा का अनंत भंडार है, जिसे सिर्फ रूपांतरित करके मानव सभ्यता के इस्तेमाल में लाया जा सकता है।