केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को यहां पर अमेज़ॉन इंडिया द्वारा देश के उच्चतर शिक्षा संस्थानों के युवा इनोवेटर्स को भारतीय संस्कृति, लोक-कलाओं पर ज़ोर देने वाले खिलौने बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित “टॉयथॉन चैलेंज 2020” का शुभारंभ किया।
टॉयथॉन चैलेंज 2020
इस अवसर पर अमेजॉन के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट और कंट्री हेड अमित अग्रवाल,अमेजॉन के पब्लिक पॉलिसी विभाग के वाईस प्रेजिडेंट चेतन कृष्णास्वामी और इंडिया कंज्यूमर बिजनेस के वाईस प्रेजिडेंट मनीष तिवारी एवं अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
भारतीय खिलौना उद्योग के बारे में बात
डॉ निशंक ने कहा, भारतीय खिलौना उद्योग करोड़ों का है और यह काफी हद तक आयात पर निर्भर है, जबकि भारत में बेचे जाने वाले ज्यादातर खिलौने चीन से आते हैं। भारत में खिलौना निर्माण में मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र का प्रभुत्व है और इस सेक्टर में हजारों एमएसएमई काम कर रहे हैं।
इससे, भारत में खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में हमारे अकादमिक ज्ञान एवं उद्योग जगत के बीच गैप का पता चलता है। इस अन्तराल को ख़त्म करने के लिए ही हम नई शिक्षा नीति सहित विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर एक साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि खिलौना निर्माण में भारत की एक समृद्ध परंपरा रही है, और देश भर में अनेक ज्योग्राफिकल इंडिकेटर्स (जीआई) रजिस्टर्ड हुए हैं, जो कि भारत के लिए इन श्रेष्ठताओं का लाभ उठाने और एक फलता-फूलता स्वदेशी खिलौना बाज़ार विकसित करने के लिए हमारे पास पर्याप्त आधार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने “मन की बात” सम्बोधन में भी कहा था कि भारत में कर्नाटक से लेकर आंध्र प्रदेश में कोंडापल्ली और असम में धुबरी तक स्थानीय खिलौनों की एक फलती-फूलती परंपरा रही है। इस संभावना का लाभ उठाना, हमारे प्रधानमंत्री “आत्मनिर्भर भारत” के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम बढ़ाना होगा।
प्रधानमंत्री ने बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि भारतीय खिलौना बाज़ार में भारी संभावनाएं हैं और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ‘वोकल फॉर लोकल‘ को बढ़ावा देकर इस उद्योग में प्रगामी परिवर्तन किए जा सकते हैं। निशंक ने खिलौना निर्माण के क्षेत्र में इनोवेशन की बात करते हुए कहा कि राष्ट्र की युवा प्रतिभाओं को खिलौना निर्माण के क्षेत्र में इनोवेटिव डिज़ाइनों और प्रक्रियाओं के साथ आगे आना होगा, जिनके माध्यम से हम बच्चों की कल्पनाशील-गतिविधियों का विस्तार कर सकते हैं और उन्हें भारत की समृद्ध संस्कृति से परिचित करा सकते हैं।
डॉ निशंक ने कहा, शिक्षा, मनोरंजन और सहभागिता पर केंद्रित अमेजॉन का टॉयथॉन चैलेंज हमारे युवाओं द्वारा खिलौना डिज़ाइन और तकनीक में नवप्रवर्तनों का लाभ उठाने के लिए के लिए है, ताकि हमारे इतिहास और संस्कृति पर गर्व की भावना को अधिक बल दिया जा सके।
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