30.6 C
New Delhi
July 4, 2025
एजुकेशन/करियर

नई शिक्षा नीति बच्चों को आर्टिफिशियल से इफेक्टिव इंटेलिजेंस की ओर ले जाएगी

नई शिक्षा नीति बच्चों को आर्टिफिशियल से इफेक्टिव इंटेलिजेंस की ओर ले जाएगी

नई दिल्ली, 19 नवम्बर।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि नई शिक्षा नीति कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से प्रभावित हमारी पीढ़ी को प्रभावी बुद्धिमत्ता (इफेक्टिव इंटेलिजेंस) की ओर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि इस नीति द्वारा हम टैलेंट की पहचान तो करेंगे ही साथ ही उसका विकास और विस्तार भी करेंगे।

निशंक ने यहां शारदा यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन इस संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए एक परिवर्तन का दिन है और अब आप जहां भी जाएं, अपनी जड़ों से जुड़े रहे तथा अपने कार्यक्षेत्र में भारतीय जीवन मूल्यों की एक स्पष्ट छाप रखें। उन्होंने सभी छात्रों को लगातार अपडेट, अपग्रेड और एजुकेट रहते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

इस कार्यक्रम में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ रवि सिंह, विश्वविद्यालय के चांसलर पी.के. गुप्ता, प्रो-चांसलर वाई.के. गुप्ता, वाइस चांसलर प्रोफेसर शिबराम खारा एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं व अभिभावक भी जुड़े।

हमारी नई शिक्षा नीति विश्व के सबसे बड़े रिफॉर्म के रूप में भी उभरी है

नई शिक्षा नीति के बारे में निशंक ने कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति ना सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में विचार-विमर्श का केंद्र रही और यह विश्व के सबसे बड़े रिफॉर्म के रूप में भी उभरी है। इस दौर में ऐसे रिफ़ॉर्म का कोई दूसरा उदाहरण पूरे विश्व में मौजूद नहीं है। इस नीति के माध्यम से हम सब भारत को एक वैश्विक ‘ज्ञान की महाशक्ति’ के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं और सक्षम भी हैं।

निशंक ने कहा कि इस नीति के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने कहा, “मैं आप सब लोगों से आह्वान करता हूं कि आपके पास ज्ञान, अनुभव, स्किल्स तथा एक्सपर्टीज का एक भरपूर खजाना है तो अब समय आ गया है कि अपनी क्षमताओं का उपयोग कर एक नए भारत, श्रेष्ठ, सशक्त, समृद्ध भारत का निर्माण करें। वह दिन दूर नहीं जब हम अपने भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे।

आज शारदा यूनिवर्सिटी से 3593 छात्रों को स्नातक तथा 1203 छात्रों को परास्नातक की डिग्री प्रदान की गई और 51 छात्रों ने पीएचडी की डिग्री तथा 26 छात्रों को स्वर्ण पदक व 6 छात्रों को चांसलर पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा तीन छात्रों ने कुलपति पदक भी प्राप्त किया।

Related posts

IGNOU ने CGAS में लॉन्च किया सर्टिफिकेट कोर्स

Buland Dustak

IGNOU को शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए NAAC ने दिया A++ ग्रेड

Buland Dustak

Central University में रिक्त पड़े हैं 32.4% शिक्षण और 37.7% गैर-शिक्षण पद

Buland Dustak

निशंक ने मनोदर्पण वेब पेज और हेल्पलाइन नंबर किया लॉन्च

Buland Dustak

CSAT को सिविल सेवा परीक्षा से अभी हटाने की कोई योजना नहीं

Buland Dustak

विदेशी डिग्री की चाह वाले छात्रों के लिए ‘Stay in India and Study In India’ का नारा

Buland Dustak