प्रयागराज, 12 अक्टूबर।
प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की बेंच स्थापित हुए एक वर्ष पूरे हुए। इस बेंच में उत्तर प्रदेश के कुल 17 जिले बांदा, संत रविदास नगर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सोनभद्र व वाराणासी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर जोन का प्रशासनिक हेडवाइस चेयरमैन प्रयागराज हैं तथा रेल दावा अधिकरण की प्रयागराज, चंडीगढ़, दिल्ली, गोरखपुर एवं लखनऊ बेंच इसके अधीन हैं।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अजीत सिंह के अनुसार गत वर्ष 13 अक्टूबर 2019 को वाल्मीकि चौराहा के पास उत्तर मध्य रेलवे के पुराने महाप्रबंधक कार्यालय में रेल दावा अधिकरण की 20वीं बेंच का शुभारंभ न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर, मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा, जस्टिस के एस अहलूवालिया अध्यक्ष, रेल दावा अधिकरण एवं राजीव चौधरी महाप्रबंधक, सदस्य (न्यायिक), रेल दावा अधिकरण, प्रयागराज संजीव अग्रवाल, प्रमुख कार्यकारी निदेशक, कॉमर्शियल रेलवे बोर्ड मधुसूदन राव की उपस्थिति में किया गया था। इसके सर्वप्रथम सदस्य न्यायिक संजीव अग्रवाल थे।
प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की नई बेंच खोलने की अनुमति प्रदान
उल्लेखनीय है कि इसके पहले रेल दावा अधिकरण की बेंच प्रयागराज में नहीं होने के कारण यहां के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं गरीब पीड़ितों को प्रकरणों के निस्तारण हेतु लखनऊ या गोरखपुर जाना पड़ता था। जिस कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने पदभार ग्रहण करने के पश्चात से ही प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की नई बेंच की स्थापना हेतु प्रयास किया और रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस के.एस अहलूवालिया द्वारा प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की नई बेंच खोलने की अनुमति प्रदान की गई। बेंच की स्थापना के समय में रेल दावा अधिकरण लखनऊ एवं गोरखपुर बेंच से केस स्थानांतरित किए गए। इस बेंच की स्थापना के उपरांत से केसों के त्वरित निस्तारण के क्रम में सीमित अवधि में 125 केसों को निस्तारित भी किया गया है।