26.1 C
New Delhi
September 8, 2024
देश

निर्भया की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा लड़ेंगी हाथरस केस

- हाथरस पहुंचकर परिवार से मिलीं, यह केस भी बिना फीस के लड़ने की इच्छा जताई

हाथरस: निर्भया के दोषियों को सजा दिलाने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा गुरुवार को यूपी के हाथरस पहुंची। उनकी मंशा है कि हाथरस में दरिंदगी की शिकार गुड़िया के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए। उनके हाथरस पहुंचने पर पुलिस प्रशासन ने गांव से करीब दो किलोमीटर पहले रोक लिया। काफी अनुरोध के बाद उन्हें गांव जाने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि गुड़िया को न्याय मिलेगा, भले देर लग सकती है। निर्भया के केस में भी न्याय मिलने में सवा सात साल का समय लगा था। उन्होंने यह केस बिना फीस के लड़ने की इच्छा जताई है। 

सीमा कुशवाहा ने कहा कि निर्भया की लड़ाई लीगल तरीके से लड़ाई गई। सिस्टम से हमें इसमें भी लड़ाई लड़नी है। सिस्टम से भी लड़ेंगे और कानूनी दांव-पेंचों से भी लड़ेंगे लेकिन बेटी को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमें पता है यहां पर जितने लोग और जो भी ऑफिसर खड़े हुए हैं, उनमें से एक भी दावे के साथ यह नहीं कह सकता कि मेरे घर की बेटी सुरक्षित है। मृतका के भाई से मेरी बात हुई है उसने कहा था कि मैडम आप आइए। उन्होंने कहा कि परिवार से मिलकर मैंने यह लड़ाई बिना फीस के लड़ने की इच्छा जताई है। 

सीमा कुशवाहा
समाजवादी पार्टी के नेता बोले शासन-प्रशासन दबाव बना कर कुछ भी लिखवा सकता है

गैंगरेप मामले में पीड़ित परिवार का एक पत्र जारी हुआ है। इसमें मृतका के पिता ने कहा है कि उनकी मुख्यमंत्री से बातचीत हुई थी। उनके आश्वासन से मैं संतुष्ट हूं। इस पत्र में कहा गया है कि इस दुख की घड़ी में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया है, उनका आभार व्यक्त करता हूं। सभी लोगों से अपील करता हूं कि वह किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन ना करें। प्रशासन से पूरी तरह से संतुष्टि है।

समाजवादी पार्टी के लोगों ने इस पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह सब प्रशासन के दबाव में लिखा गया है। प्रशासन जो चाहे वह कर सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मूलचंद निम ने कहा कि हमें यह मालूम पड़ा है कि प्रशासन ने परिवार वालों से जबरदस्ती लिखवाकर लिया है, “हमने डेड बॉडी अपनी मर्जी से जलाई है। हम प्रशासन शासन की गतिविधियों से संतुष्ट हैं।” हालांकि असलियत यह है कि परिवार के लोग परेशान हैं और शासन-प्रशासन दबाव बना कर कुछ भी लिखवा सकता है।

यह भी पढ़ें: हा​थरस: नफरत फैलाने के लिए रातों रात बनाई गई ‘दंगे की वेबसाइट’

Related posts

कारगिल विजय दिवस 2020 पर शहीदों को शत-शत नमन

Buland Dustak

थावरचंद गहलोत बने कर्नाटक के राज्यपाल, अन्य राज्यों में भी फेरबदल

Buland Dustak

IIT ने कोल्ड चेन मॉनिटरिंग के लिए विकसित की IoT Device ‘ऐम्बिटैग’

Buland Dustak

पुस्तक ‘गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा’ का लोकार्पण

Buland Dustak

अफ्रीका तट मोम्बासा पर शुरू हुआ नौसैन्य अभ्यास ‘Cutlass Express 2021’

Buland Dustak

खादी उत्पाद प्रदर्शनी: स्वदेश का अभिमान खादी बना ब्रांड

Buland Dustak