मासिक धर्म एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रकृति से जुड़ी होती है, महिलाएं इस प्रक्रिया से हर महीने गुज़रती है और इस दौरान Menstrual Hygiene मेन्टेन करना बेहद जरुरी होता है। महिलाओं और लड़कियों में Periods का चक्र 4 से 5 दिन का होता है। इस दौरान महिलाओं के हार्मोन्स में भी बदलाव आते हैं जिससे उनके पैरों और पेट में दर्द, चिड़चिड़ापन तनाव और गुस्सा आने जैसी परेशानियां होती हैं।
Periods के दौरान महिलाओं को अपने Menstrual Hygiene का खास ख़्याल रखना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि उनकी छोटी सी लापरवाही कई बीमारियों का कारण बन सकती है।

पीरियड्स के दौरान लड़कियों को शारीरिक और मानसिक समस्या का सामना करना पड़ता हैं। अक्सर देखा जाता है कि पीरियड्स की बात करने में केवल गांवों की ही नहीं शहरों की बहुत सारी महिलाएं भी झिझकती हैं। वे सही से यह भी नही जानती है कि पीरियड्स में कैसे सावधानियां को बरतनी चाहिए, इसलिए न चाहते हुए भी कई महिलाएं खुद के स्वास्थ्य को खतरे में डाल देती हैं।
स्वच्छ रहकर ही संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है
पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि स्वच्छता से ही पीरियड्स में होने वाले संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में हर महीने 1.8 मिलियन महिलाएं पीरियड्स से गुजरती हैं और इसी के साथ यह बात निकलके सामने आई है कि इनमें से कई महिलाएं पीरियड्स की साइकिल को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने में विफल रहती है।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपने संवेदनशील अंगों की सफाई बेहतर ढंग से करनी चाहिए। क्योंकि पीरियड्स का महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि जो महिलाएं पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखती, उनका स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है। इसलिए पीरियड्स में महिलाओं को अपनी आदतों में जरूर सुधार लाना चाहिए, जिससे वे स्वस्थ रह सकें।
कई लड़कियां ऐसी है जो अभी भी पीरियड्स के समय पुराने कपड़ों को बार-बार धोकर उसका इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से इंफेक्शन फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है। महिलाओं और लड़कियों को Vaginal Menstrual Hygiene को सही रखने के लिए हर 4 से 6 घंटे में सैनेटरी नैपकिन बदलना चाहिए। क्योंकि पीरियड्स के दौरान जो ब्लीडिंग होती है उससे बैक्टीरिया आकर्षित होते हैं, और इन बैक्टीरिया का रक्त की गर्माहट में काफी जल्दी विकास होता है।
इंफेक्शन से इनफर्टिलिटी से संबंधित परेशानी हो सकती है
इससे जलन और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा भी हो जाता है। कई महिलाओं के पीरिड्स के दौरान जाघों के अंदरूनी हिस्से में और जननांग के पास रैशेज होने लगते है और खुजली होने लगती है। कई बार तो इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी से संबंधित भी परेशानी हो सकती है।
Menstrual Hygiene के लिए अच्छे सैनेटरी पैड का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी होता है। जिससे ब्लीडिंग पूरी तरीके से सोखी जा सके, आसपास के हिस्से में खून न फैले और पैड्स अच्छी क्वालिटी के होना बेहद जरूरी है।
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अब समय आ गया है कि ऐसी जागरूकता लाई जाए जिससे लड़कियां और महिलाएं अपने पीरियड्स पर आराम से बात कर सकें इसे मैनेज कर सकें। इसी के साथ ऐसे कार्यक्रमों को करने की जरूरत है जिससे पीरियड्स को लेकर समाज संवेदनशील बन सके।
पीरियड्स को सामान्य रूप से समझ सके। वर्तमान में पीरियड्स को लेकर भले ही लोगों में जागरूकता आई है, लेकिन अभी भी महिलाएं और लड़कियां इस पर खुलकर बाद करने में शर्म महसूस करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होती है। इस समय बैक्टीरिया और पसीना अधिक खतरा पैदा करते हैं। इसलिए बैक्टीरिया दूर हो सके, इसके लिए स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है। पीरियड्स के दौरान अधिक से अधिक लिक्विड चीजों का सेवन करना चाहिए।