लखीमपुर-खीरी: उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी का कहर जारी है। जिला प्रशासन के लाख मना करने के बावजूद लोग अपनी नाव लेकर नदी में जा रहे हैं, जिसे नाव बहनें की घटनाएं हो रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को 25 लोगों से भरी नाव तेज बहाव में बह गई। इनमें एक युवक की मौत हुई है, जबकि दो से तीन लोगों को बचा लिया गया।

इससे पहले बुधवार को मिर्जापुर में एक साथ दो नावें और धौरहरा तहसील क्षेत्र में एक नाव पानी के तेज बहाव में बह गई थी। तीन घटनाओं को मिलाकर अब तक इस तेज बहाव में करीब 59 लोग बहे हैं। टीम ने रेस्क्यू करके 22 लोगों को सकुशल बचाया। अन्य लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
गुरुवार को ब्लॉक नकहा के अन्तर्गत बहने वाली शारदा नदी के तेज बहाव में एक नाव बह गई। इसमें सवार 25 लोग नाव के साथ बह गए। जिसमें एक की मौत हो गयी। वहीं खबर लिखे जाने तक जिला प्रशासन ने रेस्क्यू करके दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया है, बाकि सब लापता है। NDRF की टीम घटना के बाद से राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।
मिर्जापुर गांव में घटित हुई थी पहली घटना
बुधवार को पहली घटना जनपद के मिर्जापुर की है, यहां के रहने वाले सुन्दर, बृजमोहन, अशोक, ढोंढे, दीपू, देवेन्द्र, राजेन्द्र, कृपा दयाल मुरारी और राजू समेत कई अन्य लोग बुधवार सुबह दो नावों में बैठकर नदी पारकर अपनी खेत की ओर गए थे।
पानी के तेज बहाव में उनकी नाव बह गई। एक नाव बहते-बहते पांच किलोमीटर दूर एक टापू में जा फंसी। नाव में सवार लोग टापू में देखे गए हैं, इसके बाद सेना के हेलीकॉप्टर से 15 लोगों को सुरिक्षत बचा लिया गया है। इनमें से एक युवक सुंदर लापता है।
धौराहर में नाव के साथ 18 बहे, छह सकुशल बचे
मिर्जापुर की घटना को हुए कुछ घंटे बीते नही थे कि धौरहरा तहसील क्षेत्र में एक और नाव घाघरा नदी के तेज बहाव में बह गई। नाव के साथ उसमे सवार 18 लोग भी बह गये। इसके बाद राहत बचाव कार्य करते हुए NDRF ने सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से छह लोगों को सुरक्षित बचा लिया।
ये सभी ग्रामीण रामिया बेहड़ के आसपास गांव के निवासी है और नावों में बैठकर खेत की ओर जा रहे थे। अभी इस घटना में 12 लोग लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है।
बाढ़ का कहर जारी
नेपाल से छोड़े गये पानी और उत्तर प्रदेश में हुई बरसात ने जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। धौरहरा, निघासन, पलिया और लखीमपुर-खीरी तहसील बाढ़ से भारी प्रभावित है। करीब-करीब सभी जगह एक फुट से लेकर चार फुट तक पानी भर चुका है। बाढ़ की चपेट में आये गांवों में लोग छतों पर रहने को विवश है।
पीलीभीत-बस्ती राजमार्ग पर इससे अछूता नहीं रहा है। ऐरा के पास इस राज्यमार्ग पर भी बाढ़ का पानी चल रहा है। आवागमन बाधित हो गया है। लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गयी है। वहीं ईसानगर क्षेत्र के अन्तर्गत बने तटबंध पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
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अगर इस तटबंध को बाढ़ से नुकसान होता है, तो सैकड़ों गांव फिर बाढ़ की चपेट में आ जायेंगे। इसके अलावा तहसील के अन्तर्गत आने वाले ब्लॉक नकहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।
इसको देखते हुए गुरुवार को सीएमओ डॉ शैलेन्द्र भटनागर भ्रमण पर पहुंचे। यहां पर भर्ती नौ महीने की गर्भवती महिला और एक बीमार वृद्ध महिला को जिला चिकित्सालय में शिफ्ट कराया। अधीक्षक को इमरजेंसी सेवाओं के तैयार रहने के लिए निर्देश दिए है।
डूबने से तीन की मौत
जनपद में अलग-अलग तहसीलों में आयी बाढ़ के चलते तीन लोगों की मौत हुई है। मृतकों की पहचान मिर्जापुर निवासी सुंदर(55), निघासन थाना क्षेत्र के ग्राम नौव्वापुर निवासी शिवप्यारी (60) और थाना खीरी क्षेत्र के सुर्जीपुरवा निवासी गजरानी (47) के रूप में हुई है।