Medtronic पीएलसी कंपनी ने हैदराबाद में वर्तमान आरएंडडी केंद्र को अत्याधुनिक इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर के रूप में विकसित कर इसका विस्तार करेगी। इसके लिए कंपनी 1200 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी कंपनी बुधवार को दी।
Medtronic इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (एमईआईसी), संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा वैश्विक अनुसंधान व विकास केंद्र होगा। तेलंगाना सरकार और मेडट्रॉनिक पिछले दो वर्षों से इस चर्चा में थे कि निवेश किस तरह से किया जाए। पिछले पांच वर्षों में नियोजित इस निवेश से तेलंगाना की मेडटेक योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा और भारत में चिकित्सा उपकरणों के हब के रूप में हैदराबाद की स्थिति को मजबूत करेगा।
भारत में मेडट्रॉनिक का निवेश हमारी प्रतिबद्धता का सुबूत
दरअसल वर्ष 2016 में तत्कालीन उद्योग व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामा राव और तेलंगाना के उनके अधिकारियों की टीम जब संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर थे, तब उन्होंने Medtronic के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और बोर्ड के चेयरमेन ओमान इशराक के साथ एक मीटिंग की थी।
मेडट्रॉनिक में एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और बोर्ड के चेयरमैन उमर इशराक ने घोषणा करते हुए कहा कि भारत में Medtronic का निवेश इस क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक सुबूत है और हमें देश में इस बड़े निवेश पर तेलंगाना सरकार के साथ सहयोग करने पर गर्व है।
वहीं, केटी रामा राव ने अमेरिका में उमर इशराक के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए सभी नियुक्त अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि Medtronic ने हैदराबाद को अमेरिका के बाहर अपने सबसे बड़े शोध व विकास केंद्र के रूप में चुना है और इसका इरादा अगले कुछ वर्षों में 1000 नौकरियों का सृजन करना है।
भारतीय उपमहाद्वीप और मिनिमली इनवेसिव थैरेपीज ग्रुप एपीएसी के वाइस प्रेसिडेंट मदन कृष्णन ने कहा कि मेडट्रॉनिक में आविष्कार और नवाचार महत्वपूर्ण हैं ताकि हम पुरानी बीमारियों वाले लोगों के लिए थेरैपी परिणामों को बेहतर बनाने में मदद कर सकें।
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