- उप्र में थमी कोरोना की रफ्तार, 340 मिले नए केस
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के मंत्र से कोरोना की रफ्तार न के बराबर हो गई है। प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति हर दिन के साथ और नियंत्रित होती जा रही है। वायरस अब कमज़ोर पड़ चुका है, लेकिन संक्रमण का खतरा अब भी बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने मंगलवार को बताया कि कोविड संक्रमण की बेहतर होती स्थितियों को देखते हुए 21 जून से कोरोना कर्फ्यू में और छूट दी जाएगी। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात्रि 09 बजे से अगले दिन प्रातः 07 बजे तक प्रभावी होगा। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन के साथ रेस्टोरेंट व मॉल को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जायेगा। पार्क, स्ट्रीट फूड आदि के संचालन की अनुमति भी दी जाएगी। इन स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नई व्यवस्था के संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस समय से जारी कर दी जाए।
उन्होंने बताया कि बीते पिछले 24 घंटों में 2 लाख, 57 हजार 135 सैम्पल जांचे गए। इसी अवधि में संक्रमण के 340 नए केस सामने आए हैं और 1,104 मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं। इससे पहले, 12 मार्च को लगभग ऐसी ही स्थिति थी। वर्तमान में 7,221 केस एक्टिव हैं। बीते 24 घंटों में कुल पॉजिटिविटी दर मात्र 0.1% रही, जबकि रिकवरी दर 98.3 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 38 लाख सैम्पल टेस्ट हो चुके हैं। कोरोना महामारी के बीच अब तक 16 लाख 73 हजार प्रदेशवासी कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना तीसरी लहर में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रबंध
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ मंगलवार को 9 टीम के साथ हुई बैठक में बताया गया कि आने वाले कुछ माह बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत संवेदनशील है। बरसात का मौसम शुरू हो रहा है। संचारी रोग, डेंगू, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया आदि की समस्या बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञों ने कोविड की तीसरी लहर की आशंका भी जताई है। ऐसे में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं। अभिभावकों को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इंसेफेलाइटिस रोकथाम के लिए ‘दस्तक’ अभियान के साथ-साथ संचारी रोगों से बचाव के लिए विशेष जागरुकता अभियान संचालित किए जाएं।
मुख्यमंत्री योगी ने बच्चों के लिए उपयोगी पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। बताया कि हमारी एमएसएमई इकाइयां, चाइल्ड पल्स ऑक्सीमीटर के विनिर्माण की दिशा में अच्छा सहयोग कर सकती हैं। संबंधित विभाग द्वारा एमएसएमई इकाइयों से संपर्क कर इस दिशा में प्रयास शुरू किए जाएं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लाभार्थियों से संपर्क कर बच्चों की सेहत की जानकारी ली जाए तथा बच्चों के लिए घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान सुचारू रूप से संचालित किया जाए।
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उन्होंने बताया कि पहले 50 लाख से अधिक बच्चों को निःशुल्क दवाई किट वितरित की जाएगी। 18 वर्ष से कम आयु के कोविड-19 के लक्षण युक्त बच्चों को चार वर्गों (0-1 वर्ष, 1-5 वर्ष, 5-12 वर्ष तथा 12-18 वर्ष) में विभाजित किया गया है। प्रत्येक वर्ग के लिए अलग-अलग प्रकार की दवाई किट तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेशवासियों को टीका-कवर प्रदान करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर ट्रॉमा सेंटर की स्थापना कराई जाएगी
विगत 14 दिनों में 51 लाख लोगों में वैक्सीन कवर प्राप्त किया है। बीते 24 घंटों में 4 लाख, 33 हजार, 857 लोगों ने वैक्सीन लगाई गई। अब तक 02 करोड़ 35 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। जबकि, अगस्त की समाप्ति तक 10 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य है। टीकाकरण अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। नए वैक्सीनेटर तैयार किए जाएं।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश में एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना की स्थिति में त्वरित चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे ट्रॉमा सेंटर की आवश्यकता है। सबसे पहले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक सर्वसुविधायुक्त ट्रॉमा सेंटर की स्थापना कराई जाए। इसके बाद, चरणबद्ध रूप से अन्य एक्सप्रेस-वे पर भी ऐसे ही प्रयास हों।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन यह समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ। जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बढ़ा सकती है। सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। भीड़ से बचें। पुलिस बल सक्रिय रहे।