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March 29, 2024
उत्तर प्रदेश

श्रावण मास 2020: पहले सोमवार को शिवभक्तों ने किया जलाभिषेक

-पूजा कर अपने परिवार की सुख और समृद्धि के अलावा देश को कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की
-मन्दिर में जलाभिषेक के लिए एक बार में केवल पांच श्रद्धालुओं को ही दिया जा रहा है प्रवेश

श्रावण मास 2020: सावन के पहले सोमवार को शिवभक्तों ने सबली मंदिर में भगवान शिव को जलाभिषेक कर परिवार की सुख शांति की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान आशुतोष से देश को कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना भी की। मंदिर समिति के सदस्यों और श्रद्धालुओं ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया।

श्रावण मास 2020 के पहले सोमवार के अवसर पर नगर के अधिकतर मंदिर कन्टेनमेन्ट क्षेत्र में आने के कारण बंद रहे। इस कारण शिवभक्त देहात क्षेत्र के शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे।

श्रावण मास 2020

कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष कांवड़ यात्रा को भी शासन ने रद्द कर दिया है। इस दौरान कांवड़ सेवा शिविरों का आयोजन नहीं करने को प्रतिबंधित किया गया है। इस कारण इस वर्ष श्रावण मास में शिवभक्त अपने घरों में रह कर ही भगवान भोलेनाथ की आराधना करेंगे।

इसके अलावा श्रावण मास 2020 में प्रत्येक सोमवार को शिवभक्तों द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेक करने की पंरपरा रही है। इस परंपरा का निर्वहन करते हुए भक्तगण मंदिरों में जा कर जलाभिषेक तो कर सकेंगे, लेकिन प्रशासन ने मंदिरों में भीड़ नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

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सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए होंगे भगवान शिव के दर्शन

श्रावण मास 2020 के पहले सोमवार को शिवभक्तों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आपस में दूरी बनाए रखने, मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग करने आदि सभी नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए विधि विधान से भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना की। मंदिर समिति ने इस दौरान एक बार में केवल पांच लोगों की ही शिवालयों में प्रवेश करने की अनुमति दी।

पूजा के दौरान शिवभक्तों ने अपने परिवार में सुख और समृद्धि रहने के अलावा देश को कोरोना से मुक्ति दिलाने की भी प्रार्थना की। मंदिरों में सुरक्षा और नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी समुचित प्रबंध किए हैं।

सबली शिव मंदिर की प्रबन्ध समिति के सदस्य पवन त्यागी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण मन्दिर में पूजा और जलाभिषेक करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को संक्रमण से बचाव के सभी नियमों का पालन करने की लगातार अपील की जा रही है। प्रबन्ध समिति के सदस्य मन्दिर में उपस्थित रह कर नियमों का पालन कराने के लिए कड़ी निगरानी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मन्दिर में एक बार में केवल पांच व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु आपस में दूरी बनाए रखते हुए अपने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सकें। श्रद्धालुओं को मास्क पहन कर ही मन्दिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है और सेनिटाइजर का प्रबन्ध भी किया गया है।

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