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August 18, 2025
प्रयागराज

Khusro Bagh के ऐतिहासिक दरवाजों को चाट रहा दीमक

आस पास दिखा गदंगी का अम्बार

प्रयागराज : भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग की देख रेख में प्रयागराज स्थित इस विशाल Khusro Bagh में खुसरौ, उसकी बहन और उसकी राजपूत मां का मकबरा स्थित है। खुसरौ सम्राट जहांगीर के सबसे बड़े पुत्र थे। इस पार्क का संबंध भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी है।

प्रयागराज रेलवे स्टेसन के पास स्थित Khusru Bagh मुगलकालीन इतिहास की एक अमिट धरोहर हैं। यह विशाल क्षेत्र में फैला हुआ हैं। यहां चारों ओर मोटे मोटे दिवारो से घीरा हैं। इसके चारों ओर एक एक दरवाजे हैं। उन्हीं में से एक दरवाजा खुल्दाबाद सब्जी मंडी के सामने स्थित ऐतिहासिक गेट पर दिखा दीमक का प्रकोप व इमारतों पर उगने लगे पीपल के पेड़ तथा आसपास नज़र आया गंदगी का अंबार।

Khusro Bagh
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भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। लेकिन जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में गलियों, सड़कों, ट्रांसफार्मरों व खाली पड़े प्लाट के पास गंदगी का अंबार नजर आ जाएगा।

यहां के नगर निगम अधिकारी दावे कितना भी कर लें मगर सच यह है कि न तो यहां साफ सफाई के पर्याप्त इंतजाम हैंं और न ही कचरा प्रबंधन।
नगर निगम की जिम्मेदारी बनती है खुल्दाबाद सब्जी मंडी के सामने स्थित खुसरो बाग गेट के आसपास साफ-सफाई की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं। स्वच्छ भारत को ध्यान में रखते हुए वहां पर डस्टबिन का इंतजाम करें ताकि आसपास के रहने वाले लोग उस में कचड़ा डालें। प्रशासन द्वारा आसपास के रहने वाले लोगों को कड़ा दिशा निर्देश दिया गया। ताकि लोग स्वच्छता को बनाए रखने के लिए सहयोग करें।

मुगलकालीन धरोहर का इतिहास

जानकारियों के अनुसार प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास स्थित Khusro Bagh लगभग 64 एकड़ में फैला है, जिसकी दीवार 20 फिट ऊंची है। बगीचों के शौकीन मुगल शासक जहांगीर ने इसका निर्माण कार्य 1605 ईसवी में में शुरू कराया, जोकि 1627 में पूरा हुआ। मकबरों का निर्माण 1606-1607 ईसवी में किया गया था। जहांगीर के भरोसेमंद कारीगर अकारेजा ने तीन मंजिले मकबरों की नक्काशी की थी। इसमें अरीब में आयतें भी लिखी हैं। इसके निर्माण में 22 साल लग गए।

जहागीर ने इसे अपना आरामगाह बनाया था। जहागीर के पुत्र खुसरो के नाम पर ही इसका नाम खुसरो बाग पडा। इस बाग में तीन मकबरे हैं। पहला मकबरा शहजादा खुसरो का हैं। इसका मकबरा खुसरो की राजपूत मां शाँह बेगम के लिये बनाया गया था। खुसरो बाग के अन्दर जाने का मुख्य द्वार अति विशाल हैं।

Khusro Bagh में अमरुद के कई बगीचे हैं। यहाँ के अमरूदों को विदेश में निर्यात किया जाता हैं साथ ही वर्तमान में यहाँ पौधशाला हैं जिससें हजारों पौधों की बिक्री की जाती हैं। सुरक्षा संरक्षा से लेकर साफ-सफाई की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी वह कर्मचारी की है।

रिज़वान (पत्रकार)

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