भारतीय संस्कृति के उच्च मूल्यों की पुर्नस्थापना और हर भारतीय को उसके मूल से जोड़ने के लिए रविवार को हिन्दू पंचायत का आयोजन किया गया। इस हिंदू पंचायत में एक सुर में विश्व के कल्याण हेतु भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठी।
चौधरी चरण सिंह विवि के बृहस्पति भवन में रविवार को शंकराचार्य परिषद और भाग्योदय फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘हिन्दू पंचायत’ सम्पन्न हुई। भारत को सनातनी वैदिक राष्ट्र घोषित करने की संकल्प पूर्ण माँग इस पंचायत में उठी। हिन्दू रिपब्लिक ऑफ हिन्दुस्थान के लिए हिन्दू पंचायतों की श्रृंखला समूचे देश में चलायी जा रही है।
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष श्री स्वामी आनन्द स्वरूप जी महाराज ने कहा कि 1947 में भारत की आजादी सबकी एकता से ही सम्भव हो सकी थी। एक दुर्भाग्यशाली मांग के चलते राष्ट्र का विभाजन हो गया। बाद में सिक्खों को हमसे अलग करने का असफल प्रयास किए गया। उसके बाद बौद्धों को हमसे अलग करने के प्रयत्न हुए। जैनियों को हिन्दुओं से तोड़ने का प्रयास हुआ। यह षड्यन्त्र लगातार चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुसलमान और हम सब हिन्दू समग्र रूप से एक साथ रह रहे थे। सन 1947 में आजादी के समय इस्लाम के नाम पर एक नया देश बना। उसका नाम हुआ ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान’। एक और जीरो मिलकर दस बने थे, जब जीरो निकल गया तब एक बचा। जो जीरो निकला वह रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान था। एक जो बच गया वह हिन्दू रिपब्लिक ऑफ हिंदुस्थान है।
हिन्दू राष्ट्र को अंधकार में रखकर बनाए संविधान में उपबंध
अमर शहीद मंगल पाण्डेय के कुटुम्बी प्रपौत्र स्वामी आनन्द स्वरूप ने कहा कि हिंदुओं को अन्धकार में रखकर संविधान में उपबंध बनाए गए। इंदिरा गांधी ने देश के संविधान को रौंदते हुए उसमें 42वां संशोधन करके धर्मनिरपेक्ष या पंथनिरपेक्ष राष्ट्र का शब्द जोड़ दिया गया। उसकी आड़ में आज भी मुस्लिम तुष्टिकरण, ईसाई तुष्टिकरण हो रहा है।
तुष्टिकरण करने वाले जितने भी वामपंथी हैं वे हिन्दू विरोधी हैं। यह बात आज देशवासियों की समझ में आ चुकी है इसलिए अब वह विपरीत परिस्थिति अनुकूल हुई हैं। उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिलकर एक हिन्दू राष्ट्र, वैदिक राष्ट्र, सनातन वैदिक राष्ट्र, हिन्दू रिपब्लिक ऑफ हिन्दुस्थान का निर्माण करें।
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हिन्दू राष्ट्र के अखिल विश्व में एकमात्र सनातन धर्म
भाग्योदय फाउण्डेशन केे अध्यक्ष श्रीराम महेश मिश्र के संयोजन में आयोजित हिंदू पंचायत में शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय पार्षद डाॅ. विद्या सागर उपाध्याय ने कहा कि अखिल विश्व में एकमात्र धर्म सनातन धर्म है। शेष पंथ मजहब या सम्प्रदाय हैं। सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जो वसुधैव कुटुम्बकम व सर्वे भवन्तु सुखिनः की विचारधारा का पोषक है, जिससे सच्चे अर्थों में पंथनिरपेक्ष समाज स्थापित हो सकता है।
राष्ट्र शांति व बंधुत्व को मानता है
जूना अखाड़ा के युवा सन्त स्वामी धनेश्वर गिरि महाराज ने कहा कि हमारा राष्ट्र प्राचीन काल से ही शान्ति व बन्धुत्व को मानता रहा है। 12वीं शताब्दी से पहले का भारत पूर्ण रूप से हिन्दू राष्ट्र था। यहाँ कोई दूसरा धर्म व पंथ नहीं था। हिंदू पंचायत का समापन भारतीय दलित विकास संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. चरण सिंह लिसाड़ी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
उन्होंने कहा कि देश का दलित समाज अब स्वयं को दलित न कहकर शिल्पी अर्थात राष्ट्र निर्माता नाम से सम्बोधित करें। इससे हिन्दुस्थान में सामाजिक समरसता का भाव बढ़ेगा। भारत का 40 करोड़ अनुसूचित जाति व जनजाति समाज हिन्दू है और हिन्दू होने पर हमें गर्व है। हिन्दू पंचायत कार्यक्रम में भाग्योदय फाउण्डेशन केे कार्यक्रम निदेशक अमित मोहन, डाॅ. सूरज प्रकाश, मनोज शास्त्री, दीपक शर्मा, प्रयाग दत्त शर्मा, डाॅ. हरीश अग्रवाल, विनोद जाहिदपुर, प्रो. हरेंद्र सिंह, जतिन लिसाड़ी, डाॅ. डीके पाल आदि मौजूद थे।