- सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी की अनूठी पहल
कोरोना शायरी: सफर करते वक्त हमारी नजरे इधर-उधर कई चीजों को देखती हैं, जिसमें कि सबसे खास है आगे जाने वाले वाहन और अचानक से बगल से तेजी से निकली गाड़ियां, जिनको देखकर कई बार कुछ अलग ख्याल भी आते हैं फिर यदि उन गाड़ियों पर कुछ लिखा हो तो हम अपने को अक्सर उसे पढ़े बिना नहीं रोक पाते हैं। हमारी नजरें ट्रक, टैम्पो, या अन्य किसी गाड़ी के पीछे लिखी शायरी पर चली ही जाती है। जिसमें कि हम कई ऐसी शायरी पढ़ते हैं जो सामजिक जागरुकता का सन्देश देती हुई दिखाई देती हैं।
कई बार राजनीति से प्रेरित शायरी भी पढ़ने को मिलती हैं, तो कुछ दिल के अरमां आंसुओं में बह गए जैसी भी। ऐसी शायरी में ड्राइवरों का दर्द झलकता है तो कुछ में मौज मस्ती होती है। इनकी भाषा, शैली और अंदाज के कारण यह लोगों को गुदगदाती हैं और लंबे समय तक याद भी रहती हैं। इसलिए इन दिनों एक संस्था ने यह बेड़ा ही उठा रखा है कि वह वाहनों के पीछे प्रेरणा देने वाले शब्दों का लेखन कराती रहेगी। यहां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की राजधानी में काम कर रही ”सर्च एंड रिसर्च डवलपेंट सोसायटी” की जो इन दिनों आम जन को जागरूक करने ट्रकों के पीछे ’कोरोना शायरी’ लिखने का अभियान चला रही है।
वाहन चालक लिखवा रहे खुशी-खुशी कोरोना जागरुकता की शायरियां
सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनिका जैन बताती हैं कि संस्था ने जिला प्रशासन भोपाल के सहयोग से हर रोज कोरोना जागरुकता का क्रम बनाया है। आज ही भोपाल के भौंरी-बकानिया बायपास पर 40 से अधिक ट्रक, टैम्पो, बस, टैक्टर-ट्रॉली सहित अन्य वाहनों पर कोरोना जागरुकता संदेश और शायरियां लिखी गईं।
साथ ही स्टीकर, पोस्टर और बैनर लगाए गए। अपने तरीके के इस अनूठे प्रयोग को लोगों से खूब सराहना मिल रही है। वाहनों के चालक खुशी-खुशी कोरोना शायरियां अपने वाहनों पर लिखवा रहे हैं। इनका कहना है कि ट्रक, बस, ट्रैक्टर- ट्रॉली जैसे वाहन गांव-शहरों से होते हुए पूरे देश में जाते हैं। इस तरह से लोगों को जागरूक करने के लिए एक बेहतर माध्यम है।
वैक्सीन लगवाने को लेकर अब भी मौजूद हैं ये बड़े भ्रम
डॉ. मोनिका ने बताया कि दुर्भाग्य से भारत में अब भी कोरोना की वैक्सीन को लेकर अनेक तरह की भ्रांतियां, डर और संशय है। वैक्सीन को लेकर अनेक तरह की अफवाहें फैल रही हैं। वैक्सीन से मौत होती हैं, नंपुसकता आती है, बांझपन आता है और इस तरह की अनेक भ्रम लोगों के मन में है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति बनी हुई है। लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं और कई गांवों और कस्बों में स्वास्थ्य अमले से बुरा बर्ताव भी कर रहे हैं जबकि सरकार और विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन ही कोरोना से बचाती है।
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वे कहती हैं कि ऐसी स्थिति में जरूरी है कि इस भ्रम को दूर कर लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने सभी तरह के प्रयास किए जाएं, ताकि संपूर्ण टीकाकरण से हमारा देश कोरोना महामारी से मुक्त हो सके। डॉ. मोनिका साथ में यह भी बताती हैं कि हमारे इन प्रयासों को आज जो पंख देने का काम कर रहे हैं उनमें एसडीएम आकाश श्रीवास्तव, तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव, मदनलाल खटीक, डॉ राजीव जैन, डॉ. आदिल बेग खासतौर से शामिल हैं।
रोचक है कोरोना शायरी
टीकाकरण को लेकर व्यापक स्तर पर जन-जागरुकता के लिए सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी ने ’ट्रकों पर कोरोना शायरी’ की अनूठी पहल की है। सोसायटी ने कोरोना शायरी उसी रोचक और मौजी अंदाज में लिखी हैं जैसी आप ट्रकों के पीछे पढ़ते हैं। इसमें अनेक भावों के साथ वैक्सीन लगवाने और मास्क का निरंतर उपयोग करने के संदेश हैं।
कुछ इस प्रकार की हैं ये कोरोना शायरी
- देखो मगर प्यार से….कोरोना डरता है वैक्सीन की मार से—-
- मैं खूबसूरत हूं मुझे नजर न लगानाजिंदगी भर साथ दूंगी, वैक्सीन जरूर लगवाना—-
- हंस मत पगली, प्यार हो जाएगाटीका लगवा ले, कोरोना हार जाएगा—-
- टीका लगवाओगे तो बार-बार मिलेंगेलापरवाही करोगे तो हरिद्वार मिलेंगे—-
- यदि करते रहना है सौंदर्य दर्शन रोज-रोजतो पहले लगवा लो वैक्सीन के दोनों डोज—-
- टीका नहीं लगवाने सेयमराज बहुत खुश होता है।—
- चलती है गाड़ी, उड़ती है धूलवैक्सीन लगवा लो वरना होगी बड़ी भूल—-
- बुरी नजर वाले तेरा मुंह कालाअच्छा होता है वैक्सीन लगवाने वाला—-
- कोरोना से सावधानी हटी,तो समझो सब्जी-पूड़ी बंटी—-
- मालिक तो महान है, चमचो से परेशान है, कोरोना से बचने का, टीका ही समाधान है।
लोक संचार के माध्यमों का उपयोग
इसके अलावा लोक संचार के माध्यमों जैसे कठपुतली, नुक्कड़ नाटक, लोक गीत और संगीत के माध्यम से भी निरंतर जागरुकता गतिविधियां की जा रही हैं। बता दें कि सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट विज्ञान संचार और सामाजिक जागरुकता के क्षेत्र में कार्य करती है। इसके साथ ही सोसायटी द्वारा कोरोना जागरुकता रथ चलाया जा रहा है जो कि गांवों और शहरों में जाकर ऑडियो-वीडियो संदेश लेकर लोगों के बीच पहुंचता है।