नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने WhatsApp Privacy Policy को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो व्हाट्स ऐप के हलफनामे पर जवाब दाखिल करे। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जून को होगी।
आरोग्य सेतु, IRCTC, BHIM App जैसी सरकारी कंपनियां भी करती हैं डाटा एकत्र
व्हाट्सएप ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्य नहीं है। व्हाट्सएप ने कहा है कि कानून के मुताबिक अगर यूजर उसकी शर्तों को नहीं मानता तो कंपनी उसे सर्विस देने के लिए बाध्य नहीं है। वो यूजर को ऑप्ट आउट का विकल्प देने के लिए बाध्य नहीं है। व्हाट्सएप ने कहा है कि उसके अपडेट में कोई भी हस्तक्षेप इंटरनेट आधारित ऐप और वेबसाइट से जुड़े सभी उद्योग को बर्बाद कर देगा।
व्हाट्सएप ने कहा है कि यूजर का डाटा माइक्रोसॉफ्ट, जोमैटो, गूगल, जूम, बिग बास्केट, ट्रूकॉलर, कू इत्यादि जैसी निजी कंपनियां भी एकत्र करती हैं। यहां तक कि सरकारी कंपनियां जैसे आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी, भीम ऐप इत्यादि भी यूजर का डाटा एकत्र करती हैं। व्हाट्सएप ने कहा है कि उद्योग जगत में जो प्रचलन में है वो भी वही कर रही है। केंद्र सरकार ने 19 मार्च को अपना जवाब दाखिल करते हुए WhatsApp की नई Privacy Policy को रोकने की मांग की थी, क्योंकि आईटी एक्ट का उल्लंघन करती है।
WhatsApp Privacy Policy यूजर का डाटा तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है
याचिका सीमा सिंह और मेघन सिंह ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि WhatsApp की नई Privacy Policy से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी किसी यूजर की सभी आनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है। याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा, व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है। अगर व्हाट्सएप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा। ऐसा करना गैरकानूनी है। व्हाट्सएप के यूजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं लेकिन अगर उन सूचनाओं का उपयोग किसी पक्ष से करना गैरकानूनी है।
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