देश

हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में मौसम का कहर

-जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से अब तक 7 लोगों की मौत, 17 घायल, 14 लापता
-हिमाचल प्रदेश में 9 लोगों की मौत, 7 लापता, भूस्खलन से 399 सड़कें अवरुद्ध
-उत्तराखंड में 128 छोटे-बड़े मार्ग अवरुद्ध, सभी नदी-नाले उफान पर

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में मौसम का कहर जारी है, भारी बारिश और बाढ़ जानमाल की भारी क्षति हुई है। बुधवार को भारी बारिश के बीच जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ग्राम हंजंर में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हुए हैं, जबकि 14 लोग लापता हैं।

मौसम का कहर

उधर हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, नदी-नालों के उफान और भूस्खलन की घटनाओं में 9 लोगों की मौत हो गई और 7 लोग लापता हैं। शिमला जिले के पंथाघाटी क्षेत्र में चट्टान गिरने से सड़क किनारे खड़ी एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। राज्य में जगह-जगह हुए भूस्खलन की वजह से 399 सड़कें अवरुद्ध हैं।

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मृतकों की संख्या बढ़ने के आसार हैं। वहीं उत्तराखंड में खराब मौसम के बीच भूस्खलन और पत्थर गिरने से 128 छोटे-बड़े मार्ग बंद हो गए। इन मार्गों को खोलने का काम जारी है। महाराष्ट्र में मौसम विभाग ने मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है।

रायगढ़, रत्नागिरी, कोल्हापुर, सातारा सहित बाढ़ से बेहाल जिलों में फिर से मूसलाधार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 30 जुलाई तक ऐसे ही हालात बने रहने की आशंका जताई है। इसके अलावा पुणे, ठाणे और सिंधुदुर्ग जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे होगी में भारी बारिश

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान देश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड समेत कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, तटीय कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिन से अच्छी बरसात हो रही है। इस दौरान 381 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो 2003 के बाद से जुलाई महीने में सर्वाधिक है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार सुबह सिर्फ 3 घंटे में दिल्ली में 100 मिलीमीटर बारिश हुई।

वर्ष 2013 में दिल्ली में 21 जुलाई को 123.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी। राजस्थान में मानसून आए लगभग एक पखवाड़ा हो चुका है, लेकिन अब तक आधे से भी अधिक राजस्थान में सामान्य से कम बरसात हुई है। हालांकि मानसून अभी सक्रिय है और आगामी 24 घंटे में राज्य के अनेक हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान है।

Himachal Pradesh Transport

हिमाचल के 10 जिलों में 29, 30 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चंबा जिलों में जान-माल को भारी क्षति पहुंची है। बीते 24 घंटे में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 9 लोगों की मौत हो गई जबकि 7 लोग लापता हैं। राहत और बचाव टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।

मौसम विभाग ने राज्य के 10 जिलों में 29 एवं 30 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट और 31 जुलाई एवं 1 अगस्त को येलो अलर्ट जारी किया गया है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बारिश का सबसे ज्यादा कहर बरपा है। स्पीति घाटी में बादल फटने के बाद उफान पर आए टोजिंग नाले ने तबाही मचाई है। 12 लोग बह गए हैं।

इनमें से सात लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। तीन व्यक्ति मलबे में गुम हो गए। आईटीबीपी, पुलिस, होमगार्ड और जिला प्रशासन की राहत टीमों ने दो व्यक्तियों को जिंदा बचा लिया है। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने मदद के लिए NDRF दस्ते को बुलाया है।

कुल्लू के मणिकर्ण में उफनती ब्रह्मगंगा नदी में दिल्ली की एक महिला पर्यटक सहित चार लोग बह गए। ये सभी लापता हैं। इनमें मणिकर्ण निवासी 25 वर्षीय पूनम, उनका चार वर्षीय बेटा निकुंज, दिल्ली निवासी दिनीता, मणिकर्ण निवासी हरि हाइड्रो प्रोजेक्ट का अधिकारी विजेंद्र शामिल हैं।

इसके अलावा चंबा में आए फ्लैश फ्लड में एक जेसीबी बह गई। इस घटना में जेसीबी हेल्पर की मौत हो गई। उसकी पहचान स्थानीय निवासी सुनील कुमार के रूप में हुई है। चंबा के सलूणी क्षेत्र में एक व्यक्ति की फिसलने की वजह से मौत हुई है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार राज्य में 399 छोटी-बड़ी सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं और इन्हें जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में 5 घायलों की हालत गंभीर

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दूरदराज गांव हंजंर में बादल फटने के बाद से बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अभी तक मलबे से 7 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 17 लोगों को बचा लिया गया है। अभी भी गांव के 14 लोग लापता हैं। सेना, एसडीआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों को बुलाया गया है।

किश्तवाड़ के डीसी अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि इन घरों में रहने वाले परिवारों के करीब 38 सदस्य भी लापता हैं। हालांकि घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस, सेना, SDRF और स्थानीय लोगों द्वारा युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव कार्य में अभी तक 7 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि मलबे में दबे 17 घायल लोगों को वहां से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें 5 घायलों की हालत गंभीर है।

भारी बारिश
उत्तराखंड : देहरादून, नैनीताल समेत 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

उत्तराखंड में मंगलवार से हो रही बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार को कई स्थानों पर पेड़ गिरने, पुल ढहने और सड़क धंसने से यातायात बंद हो गया है। राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं। कई स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। इस वजह से बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री हाइवे के साथ तमाम ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं।

मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 1 अगस्त तक मौसम के मिजाज में बदलाव की उम्मीद नहीं है। देहरादून में रातभर हुई बारिश से जलभराव हो गया है। ऋषिकेश में चीला बैराज पर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

हरिद्वार में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल यह अभी खतरे के निशान से कुछ दूर है। ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे मलबा आने से बंद है। बीआरओ बंद मार्ग खोलने में जुटा हुआ है। नैनीताल, रुद्रप्रयाग, टिहरी और चमोली में भी जमकर बारिश हुई है।

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मौसम का कहर जारी, छोटे-बड़े बंद मार्गों को खोलने का काम जारी

राज्य में खराब मौसम के बीच भूस्खलन और पत्थर गिरने से बुधवार सुबह 11 बजे तक प्रदेश के 128 छोटे-बड़े मार्ग बंद हो गए थे। इन मार्गों को खोलने का काम जारी है। देहरादून-मसूरी रोड पर भी भारी भूस्खलन हुआ है। राजपुर पुलिस ने जेसीबी की मदद से मार्ग साफ कराया है।

उत्तरकाशी में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 108 धरासू, रतूड़ीसैरा, बंदरकोट, बड़ेथि और नेताला के पास मलबा आने के कारण बंद है। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग -94 खरादी के पास मलबा आने के कारण बाधित है। यही स्थिति लमगांव-घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग (साडा मार्ग) की भी है।

देहरादून में एक मुख्य मार्ग, चार राजमार्ग और 18 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं। चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 सिरोबगड़ और घोलतीर के पास मलबा आने से बंद है। इस बीच राज्य सरकार ने पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों से पानी वाली जगहों के आसपास न जाने की अपील की है।

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