झांसी: झांसी से उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली श्रीरामराजा सरकार की आध्यात्मिक नगरी ओरछा धाम में पहली बार दस दिनों तक होने जा रही अंतरराष्ट्रीय रामलीला यहां की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का कार्य करेगी। यह कहना है ओरछा के राजा राम की लीला और प़ं गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम के संयोजक अमित राय का।
बुधवार को उन्होंने बताया कि यूं तो बुंदेलखंड के राजा श्रीराम की नगरी बुंदेलखंड की अयोध्या ‘ओरछा’ को सभी जानते हैं। बाबजूद इसके पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और विश्व पटल पर ओरछा को पहचान दिलाने के उद्देश्य से इस अंतरराष्ट्रीय स्तर की रामलीला का आयोजन पहली बार यहां किया जा रहा है।
दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली रामलीला के कलाकार यहां भी आ रहे हैं। अब वह ओरछा में भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस वर्चुअल रामलीला का दर्शनलाभ लोग घर बैठे भी उठा सकते हैं। 142 देशों में इसका प्रसारण होगा।
देश भर के संत व नेतागण जुटेंगे ओरछा में
अमित ने बताया कि इस आयोजन में हमने देश भर से नेतागण, व्यापारीगण, संत, समाज के प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित किया है। यह लोग यहां आकर ओरछा को और ओरछा के इतिहास को पहचानेंगे। इससे ओरछा को एक नई पहचान मिलेगी और यहां का विकास और तेजी से होगा।
5 महीनों के प्रयासों को मिला अंतिम रूप
उन्होंने बताया कि इस आयोजन को ओरछा में कराये जाने को लेकर पिछले पांच महीनों से प्रयास किये जा रहे थे, जो आज मूर्त रूप लेने जा रहा है। श्रीरामराजा सरकार की प्रेरणा से लोग आते गये साथ जुड़ते गये और आयोजन संभव हो गया। इस कार्यक्रम में ओरछावासियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। इस रामलीला का जाने माने रामलीला निर्देशक नितिन बत्रा कर रहे हैं।
साधना चैनल पर सीधा प्रसारण
यह आयोजन 6 से 15 अक्टूबर तक किया जायेगा। इसका सीधा प्रसारण साधना चैनल पर हर दिन 7 बजे से 10 बजे तक किया जाएगा। बेतवा नदी के कंचना घाट पर ऐतिहासिक महलों की पृष्ठभूमि में होने वाली वर्चुअल रामलीला को ऐतिहासिक बनाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस रामलीला को सेटेलाइट, चैनलों एवं संचार माध्यमों से सीधा प्रसारण किया जाएगा।
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ओरछा इतिहास से होगी शुरुआत
बुधवार को रामलीला का शुभारंभ गणेश पूजा के साथ हुआ। सबसे पहले बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा के इतिहास से जुड़ी एक नाटिका दिखायी जायेगी, जो विश्व में ओरछा का वर्णन नए ढंग से स्थापित करेगी।
यह लीला होगी प्रदर्शित: इसके साथ ही शंकर-पार्वती संवाद, राम जी के जन्म लेने का कारण, नारद मोह और रावण तपस्या की लीला, रावण वेदवती संवाद की लीला का प्रदर्शन किया जाएगा।
दशहरे को होगा रावण दहन: अंतिम दिन 15 अक्टूबर को दशहरा महोत्सव, पुतला दहन और आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा। इसके साथ ही भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक की लीला का मंचन होगा।
श्रीराम के दर्शन होंगे बुंदेलखंड के राजा के रूप में: इस रामलीला का मंचन 100 कलाकारों द्वारा मनमोहक अंदाज में किया जायेगा, भगवान राम के राजा के रूप में ओरछा दर्शन होंगे, नवरात्रि पर्व पर मां पीतांबरा पीठ, सूर्यमंदिन उन्नाव बालाजी और हरदौल मंदिर के दर्शन होगें।
झांसी महापौर भी पहुंचे शुभारंभ करने: बुधवार को ओरछा में आयोजित होने जा रही इस भव्य रामलीला का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया। इसमें मप्र के नेताओं के साथ झांसी के महापौर रामतीर्थ सिंघल ने भी हिस्सा लिया।