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रामायण कॉन्क्लेव 2021: प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ ‘जन-जन के राम’

चित्रकूट: उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या शोध संस्थान लखनऊ द्वारा तपोभूमि चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में आयोजित दो दिवसीय रामायण कॉन्क्लेव सोमवार की शाम रामायण पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ सकुशल सम्पन हुआ।

रामायण कॉन्क्लेव

कार्यक्रम के समापन पर लोक गायिका प्रतीक्षा मिश्रा समेत सभी प्रतिभागी कलाकारों को अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ लवकुश द्विवेदी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा “जन-जन के महानायक प्रभु श्रीराम” के आदर्शो को लोक कलाओ, लघु नाटिकाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनमानस तक पहुंचाने की मंशा से सूबे के भगवान श्रीराम से जुड़े 16 जनपदों में रामायण कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन किया जा रहा है।

‘जन- जन के राम” थीम पर रामायण कॉन्क्लेव का हो रहा है आयोजन

बीते दिनों प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा शुभारम्भ किया गया था। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से सूबे के सभी जिलों में ‘जन- जन के राम” थीम पर रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन हो रहा है। जबकि चित्रकूट में इसकी थीम है “वनवासी राम“। इसी थीम को आधार बनाकर विगत दिनों से चित्रकूट में रामायण कॉन्क्लेव पूरे उत्साह के साथ आयोजित जा रहा है ।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ लवकुश द्विवेदी ने बताया कि संस्कृति विभाग एवं उत्तर प्रदेश सरकार की ऐसी मंशा है कि जन-जन को राम से जोड़ा जाए। राम की संस्कृति से परिचय कराया जाना और इसके माध्यम से रामराज्य की परिकल्पना को सिद्ध करना है।

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कार्यक्रम के आयोजन का एक यह भी उद्देश्य है की इस आयोजन में अधिक से अधिक स्थानीय लोक कलाकारों एवं विद्वानो को अवसर मिले। इस आयोजन के द्वितीय दिवस की संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ विशेष नारायण मिश्र के द्वारा हुआ। इसी क्रम में रत्नेश दुबे प्रयागराज, मिथिलेश लखनऊ, लालू राम जी द्वारा भजन की मधुर प्रस्तुति से वातावरण राममय हो गया।

इसी क्रम में प्रियंका मणि का पखवाज वादन, बीना श्रीवास्तव प्रयागराज का ढीढ़िया लोक नृत्य, रामाधीन आर्य का लांगुरिया ढिबरी एवं चंगोलिया, सत्यपथ हरदोई का खंजड़ी लोक नृत्य के साथ ही कार्यक्रम के समापन में आयोजित कवि सम्मेलन में आमंत्रित कवियों ने राम कथा रामायण पर आधारित काव्य पाठ से वातावरण को राम ने बना दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ गोपाल मिश्रा ने किया।

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