नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने Online Pathology Lab पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करने पर दिल्ली के मुख्य सचिव और ICMR के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ICMR को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस नाजमी वजीरी की बेंच ने 7 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि ICMR ने जवाब दाखिल नहीं किया है। उसके बाद कोर्ट ने ICMR को 7 सितंबर के पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। 12 नवंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। यह याचिका जयपुर के एक पैथोलॉजिस्ट रोहित जैन ने दायर की है।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा कि 6 अगस्त 2020 को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और ICMR को ऐसी ऑनलाइन लैब्स के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा था कि healthian और 1mg जैसे Online Pathology Lab दिल्ली में अवैध तरीके से काम करके आम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं।
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Online Pathology Labs से खून का सैंपल लेना है खतरनाक
रोहित जैन ने ही अगस्त 2020 में भी याचिका दायर करके कहा था कि Online Pathology Lab की ओर से लोगों के खून का सैंपल लेना लोगों की जान को खतरा में डाल सकता है क्योंकि इन लैब्स की कोई प्रामाणिकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि ये ऑनलाइन पैथोलॉजिकल लैब्स बिना किसी अनुमति के चल रहे हैं।
याचिका में कहा गया था कि ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब क्लीनिकल एस्टैबलिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं किए गए हैं। इसलिए मरीजों का सैंपल लेने के लिए वे मेडिको लीगल रुप से उतरदायी नहीं हैं। याचिका में ऑनलाइन एग्रीगेटर के जरिये चलने वाले पैथोलॉजी लैब्स को बंद करने की मांग की गई थी।
ऑनलाइन पैथोलॉजी सर्विस के जरिये लोग अपनी सुविधा के मुताबिक सैंपल देने के लिए बुकिंग करवाते हैं। याचिका में कहा गया था कि इन लैब्स के संचालकों के क्वालिफिकेशन का वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया है। ये ICMR के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कोरोना का अनधिकृत रुप से टेस्ट कर रहे हैं। ऐसा करना संविधान की धारा 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है।