- गुजरात के कोटेश्वर से अरुणाचल के किबिथू तक 3800 किलोमीटर की दूरी 9 दिन में तय की - यात्रा के दौरान जयपुर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, सिलीगुड़ी और तेजपुर से होकर गुजरे
नई दिल्ली: भारतीय सेना के अधिकारी Lt Col Bharat Pannu ने गुजरात के कोटेश्वर से अरुणाचल प्रदेश के किबिथू तक 3800 किलोमीटर की दूरी तय करके सबसे तेज साइकिल चलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। यह यात्रा 9 दिन में पूरी की गई। 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जीत के उपलक्ष्य में भारतीय सेना ने ‘स्वर्णिम विजय वर्ष‘ समारोह के हिस्से के रूप में इसकी योजना बनाई थी।
Lt Col Bharat Pannu ने साइकिल पर कम से कम समय में भारत के पश्चिम से पूर्व की ओर यात्रा करते हुए अल्ट्रा-साइक्लिंग में एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने यह यात्रा 17 अक्टूबर 2021 को कोटेश्वर (गुजरात) से सुबह 7.15 बजे शुरू की और 26 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू पहुंचकर पूरी की।
उन्होंने 9 दिन में कुल 3800 किलोमीटर की दूरी तय की और इस दौरान जयपुर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, सिलीगुड़ी और तेजपुर से होकर गुजरे। उन्होंने लगातार प्रेरणा के लिए भारतीय सेना को श्रेय देते हुए कहा कि उन्हें गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना रास्ता खोजने में मदद की है।
Lt Col Bharat Pannu हैं दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के प्रतीक
Lt Col Bharat Pannu और उनकी टीम ने भारी ट्रैफिक, बारिश और गर्मी के बावजूद साहस और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहे। उन्होंने इस दौरान 1971 के युद्ध ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ की 50वीं वर्षगांठ के बारे में युवाओं में जागरुकता पैदा करने के लिए पर्चे भी वितरित किए।
टीम में पोषण विशेषज्ञ, बाइक मैकेनिक और फिजियोथेरेपिस्ट सहित छङ सदस्य शामिल थे। एआईटी, पुणे से स्नातक और भारतीय सेना के कोर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर (ईएमई) में सेवारत लेफ्टिनेंट कर्नल भरत पन्नू को साइकिल चलाने का बेहद शौक है और उन्होंने अल्ट्रा-साइक्लिंग में दो विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।
Also Read: उत्तर प्रदेश में विपक्ष विरोध में और हम काम में जुटे रहे : योगी आदित्यनाथ
इस टीम के प्रमुख दर्शन दुबे कहते हैं कि अल्ट्रा-एंड्योरेंस साइकिलिंग एक ऐसी चीज है जो न केवल आपकी शारीरिक शक्ति का परीक्षण करती है, बल्कि आपके धैर्य को भी परखती है क्योंकि एक या दो घंटे के लिए शायद ही कोई सो पाता है।
लेफ्टिनेंट कर्नल पन्नू हम सभी के लिए दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए न केवल प्रतिबद्ध होने की जरूरत है बल्कि स्मार्ट होने की भी जरूरत है और इसके लिए एक रणनीति भी होनी चाहिए।