नई दिल्ली: भारत को 8 नई Flying Training Academy मिलने वाली हैं। ये अकादमियां बेलगावी, जलगांव, कालाबुरागी, खजुराहो और लीलाबाड़ी में स्थापित की जाएंगी। इन 8 एफटीओ की स्थापना का उद्देश्य भारत को वैश्विक उड़ान प्रशिक्षण केंद्र बनाना और विदेशी एफटीओ में भारतीय कैडेटों के पलायन को रोकना है। इन एफटीओ को भारत के पड़ोसी देशों में कैडेटों की उड़ान प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी डिजाइन किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को बताया, “भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की उदार उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) नीति के तहत भारत को 8 नई Flying Training Academy मिलने वाली हैं। यह पहल भारतीय उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत अधिक आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी।”
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Flying Training Academy के लिए चुने गए 5 बोलीकर्ताओं को जारी किए गए पत्र
मंत्रालय के अनुसार एएआई कोविड की दूसरी लहर की चुनौतीपूर्ण अवधि के बीच बोली प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में सफल रहा है। इन पांच हवाई अड्डों को इस तरह चुना गया है कि यहां मौसम और नागरिक व सैन्य हवाई यातायात के चलते कम से कम व्यवधान हो।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने नवंबर 2020 में इसके लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। 31 मई 2021 को चुने गए बोलीकर्ताओं को पत्र जारी किए गए थे। यह बोलीकर्ता हैं- एशिया-पैसिफिक, जेटसर्व, रेडबर्ड, सम्वर्धने और स्काईनेक्स। इनके लिए निर्धारित मापदंडों में विमानन सुरक्षा पहलुओं, नियामक तंत्र, मानवयुक्त विमानों पर प्रशिक्षण पायलटों के क्षेत्र में अनुभव, उपकरण, प्रशिक्षकों की उपलब्धता आदि शामिल रहे।
एफटीओ को आकर्षक बनाने के लिए एएआई ने न्यूनतम वार्षिक किराये को काफी कम 15 लाख रुपये तक कर दिया है। इसके अलावा इन उपक्रमों को व्यवसाय के अनुकूल बनाने के लिए एयरपोर्ट रॉयल्टी की अवधारणा को खत्म कर दिया गया है।