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November 21, 2024
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अयोध्या मामले में लालकृष्ण आडवाणी से CBI कोर्ट ने पूछे सवाल

- सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में आडवाणी ने दर्ज कराया बयान

लखनऊ: अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान आडवाणी ने विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में राजनीतिक विद्वेष के चलते मुझे फंसाया गया था। सभी आरोप राजनीतिक कारणों से लगाए गए थे।

सीबीआई की विशेष अदालत में आज लालकृष्ण आडवाणी की वर्चुअल तरीके से पेशी हुई। पूर्वाह्न 11.30 बजे से अपराह्न करीब 3.30 बजे तक उनके बयान दर्ज किये गये। वरिष्ठ भाजपा नेता डा0 मुरली मनोहर जोशी भी गुरुवार को वर्चुअल तरीके से सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए थे और अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने भी अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों को नकार दिया था। दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज कराते हुए डा0 जोशी ने कहा था कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद ही नहीं थे। 

इससे पहले इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह 13 जुलाई को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए थे। कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने के बाद उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने राजनीतिक विद्वेष के चलते उन्हें इस मामले में फंसाया था।

लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी

कल्याण सिंह ने अपने बयान में कहा था कि अयोध्या घटना के समय मैं उत्तर प्रदेश का  मुख्यमंत्री था। इसलिए वहां की सुरक्षा को लेकर अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह से पालन किया था। कानून व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये थे। लेकिन, तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक दुश्मनी के कारण मुझे इस मामले में फंसा दिया। 

वर्ष 1992 में दर्ज हुआ था मामला

गौरतलब है कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि प्रांगण में विवादित ढांचा गिरा दिया गया था। इसके बाद उसी दिन इस मामले में राम जन्मभूमि थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सीबीआई ने इस प्रकरण में 49 आरोपितों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, अशोक सिंघल और साध्वी ऋतंभरा के भी नाम शामिल हैं।

 
इन 49 आरोपितों में से विश्व हिन्दू परिषद के अशोक सिंहल, गिरिराज किशोर, परमहंस रामचंद्र दास, तत्कालीन शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और अयोध्या के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डीबी राय समेत 17 की मौत हो चुकी है। बाकि 32 आरोपितों में से 29 के अब तक बयान दर्ज हो चुके हैं। सभी के बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज हो रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई की विशेष अदालत में प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। अदालत को आगामी 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी करनी है। 

यह भी पढ़ें: बाटला हाउस एनकाउंटर के दोषी आरिज खान को फांसी की सजा

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