31.1 C
New Delhi
June 20, 2025
विदेश

अमेरिकी नागरिकता विधेयक-2021 संसद में पेश, भारतीय IT पेशेवरों को होगा फायदा

वाशिंगटन, 20 फरवरी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन द्वारा गुरुवार को संसद में अमेरिकी नागरिकता विधेयक-2021 पेश किया गया। इस बिल के कानून बनने पर रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए किसी देश के अनिवासियों की संख्या सीमित करने पर पूर्व में लगाई गई रोक खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही एच1बी (H1B) वीजाधारकों के आश्रितों को भी काम करने की अनुमति मिल जाएगी। अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी) में काम करने वाले हजारों भारतीयों को भी इसका फायदा मिलेगा।

भारतवंशियों को इससे होगा लाभ 

संसद के दोनों सदनों (प्रतिनिधि सभा और सीनेट) से विधेयक के पारित होने और राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर के बाद कानून बनने से बिना दस्तावेज के रह रहे 1.1 करोड़ लोगों और वैध तरीके से देश आए लाखों लोगों को नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। भारतीय आइटी पेशेवर, जो एक दशक से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं, और जिनकी संख्या हजारों में है, बिल के इस प्रावधान के सबसे बड़े लाभार्थी होने की संभावना है।

सीनेटर बॉब मेनेंडेज और प्रतिनिधि सभा की सदस्य लिंडा सांचेज ने मीडिया से कहा कि अमेरिकी नागरिकता कानून-2021 में आव्रजन सुधार का प्रावधान किया गया है। इस महत्वपूर्ण कदम के तहत ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे पेशेवरों को वैध रूप से स्थायी तौर पर रहने की मंजूरी मिल जाएगी। बाइडन ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद इस विधेयक को संसद के लिए भेजा था। इसके तहत रोजगार आधारित लंबित वीजा को मंजूरी दी जाएगी।

वेटिंग टाइम कम होगा  

प्रत्येक देश पर वीजा के लिए लगाई गई सीमा भी खत्म की जाएगी और वेटिंग टाइम को घटाया जाएगा। विधेयक में अमेरिकी विश्वविद्यालयों से एसटीईएम विषय के डिग्री धारकों के अमेरिका में रहने का रास्ता भी आसान बनाने का प्रावधान किया गया है।

सबसे ज्यादा छात्र भारत के

उल्लेखनीय है कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विषयों में डिग्री के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा छात्र भारत के ही हैं। दोनों सदनों में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है।

हालांकि, ऊपरी सदन में विधेयक को पारित कराने के लिए पार्टी को 10 रिपब्लिकन सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व और व्हाइट हाउस ने उम्मीद जताई है कि उन्हें अमेरिका में रह रहे लाखों गैर नागरिकों के हित के लिए आवश्यक समर्थन मिलेगा।

यह भी पढ़ें: अमेरिका-चीन की तर्ज पर भारत में भी बने इनडोर वायु प्रदूषण पर नीतिः IIT शोध

Related posts

​​फाइटर जेट राफेल के मालिक ओलिवियर डसॉल्ट की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत

Buland Dustak

चाबहार बंदरगाह का मई में शुरू हो सकता है संचालन

Buland Dustak

आखिर इजराइल का दबदबा कैसे हुआ कायम?

Buland Dustak

ईरान : अमेरिका प्रतिबंधों को हटाए, परमाणु कार्यक्रम तभी रोकेंगे

Buland Dustak

चीन ने दूसरी कोरोना वैक्सीन कोरोनावैक को दी सशर्त मंजूरी

Buland Dustak

मुंबई आतंकी हमले में हाफिज सईद को नए मामले में 15 साल की कैद

Buland Dustak