अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही ईरान मुखर होने लगा है। रविवार को ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खमनेई ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम परमाणु प्रतिबद्धताओं को तब तक फिर से शुरू नहीं करेंगे जब तक कि अमेरिका प्रतिबंधों को समाप्त नहीं करता है।
दरअसल ईरान को लग रहा है कि जो बाइडन के कार्यकाल में अमेरिका फिर से परमाणु समझौते को लागू कर सकता है। इससे पहले मई, 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए समझौता को एकतरफा तरीके से तोड़ने का ऐलान किया था।
अमेरिका प्रतिबंध हटाकर समझौता करे
अयातुल्लाह अली खमनेई ने कहा कि अगर अमेरिका चाहता है कि ईरान को अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटना है तो अमेरिका को भी सभी प्रतिबंधों को खत्म कर देना चाहिए। इसके बाद देखेंगे कि क्या प्रतिबंधों को सही ढंग से खत्म किया गया है। उसके बाद ही हम अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटेंगे।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भी पहले कह चुके हैं कि उन्हें कोई संदेह नहीं है कि बाइडन प्रशासन 2015 के परमाणु समझौते (जेसीपीओए) में फिर से शामिल होगा। इस समझौते में ईरान, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, रूस और यूरोपीय यूनियन शामिल थे।
ईरान अब अमेरिका से मांग रहा मुआवजा
ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि उनका देश इस शर्त पर जेसीपीओए में लौटने के लिए तैयार होगा, जब हमें भारी रियायतें दी जाती हैं। अमेरिका को हमें प्रतिबंधों से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी देना होगा। बाइडन ने भी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने भाषणों में यह संकेत दिया था कि वह ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर से शामिल हो सकते हैं।
इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खमनेई ने कहा था कि ईरान को प्रतिबंधों को कम करने के लिए काम करने की आवश्यकता है। यदि प्रतिबंधों को सही, बुद्धिमान, ईरानी-इस्लामी और गरिमापूर्ण तरीके से उठाया जाएगा तो ईरान इसका समर्थन करेगा। ईरान के दौ सर्वोच्च नेताओं की इन टिप्पणियों से संकेत मिल रहा है कि वे बाइडन प्रशासन से बहुत आशान्वित हैं।
भूमिगत परमाणु केंद्र बना रहा ईरान
समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस ने कुछ दिनों पहले सैटेलाइट तस्वीरों को जारी कर दावा किया था कि ईरान फोर्डो गांव के नजदीक तेजी से भूमिगत परमाणु सुविधा केंद्र का निर्माण कर रहा है। वहीं, ईरान ने अभी तक फोर्डो में किसी भी नए निर्माण को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, नई तस्वीरों के आने के बाद कई देशों ने तेहरान पर जुबानी हमले जरूर किए हैं।
दुनियाभर के परमाणु कार्यक्रमों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी इंटरनेशन एटमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने ईरान के फोर्डो संयंत्र पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। 2015 के ईरानी परमाणु समझौते के हिस्से के रूप में इस एजेंसी के विशेषज्ञ अभी भी तेहरान में हैं। इस एजेंसी ने अभी तक कोई भी ऐसी रिपोर्ट जारी नहीं की है जिसमें फोर्डो में नए परमाणु संयंत्र के निर्माण का उल्लेख हो।