विश्व साइकिल दिवस: गरीबों की गाड़ी के तौर पर पहचान रखने वाली साइकिल को लेकर आम से लेकर खास तक का एक ही मत है कि साइकिलिंग से पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहते हैं। गरीब इससे लंबी दूरी से लेकर छोटी दूरी का सफर तय कर पैसे बचाता है और अमीर अपनी सेहत सुधारने के लिए साइकिल चलाता है।
आज विश्व साइकिल दिवस है। इस मौके पर महानगर में गुरुवार को गार्गी भट्टाचार्य, संजीव गुप्ता, कलोल भट्टाचार्य, रूद्रप्रसाद जैसे अन्य बुद्धिजीवियों ने सड़कों पर साइकिल चला कर संदेश दिया कि महानगर में साइकिल की सवारी करने वालों को परेशान करने का सिलसिला बंद होना चाहिए। उनका कहना था कि भारत हो या अमेरिका या दुनिया का ऐसा कोई देश या कोई ऐसा शहर नहीं है, जहां साइकिल की सवारी सर्वमान्य ना हो।
विश्व साइकिल दिवस पर CM का संदेश, बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है साइकिलिंग
महानगर कोलकाता में 1750 किलोमीटर लंबी सड़क है और चारों तरफ बसें नहीं चलती। कोरोना के समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सलाह दी थी कि शारीरिक दूरी का पालन करने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए साइकिलिंग जरूरी है और इसे कोलकाता पुलिस ने बढ़ चढ़कर बढ़ावा भी दिया था।
विश्व साइकिल दिवस के लिए महानगर में साइकिल सवारों के लिए अलग लेन बनाया गया था। गुरुवार को जादवपुर के सुलेखा मोड़, एपीसी रोड और राजा बाजार साइंस कॉलेज के पास साइकिल के समर्थन में प्रदर्शन भी किया गया है। इसके अलावा महानगर के साइकिल प्रेमियों ने सोशल साइट पर साइकिल को बढ़ावा देने के लिए साइकिलिंग ट्रेंड किया है।
एक समय में साइकिलिंग करने पर देना पड़ता था 100 रुपये जुर्माना
कोलकाता पुलिस से लेकर राज्य पुलिस के कई ऐसे आईपीएस अधिकारी हैं, जो सुबह मॉर्निंग वॉक से पहले साइकिलिंग करते हैं। कुल मिलाकर कहें तो गरीबों के लिए सफर का जरिया तो है ही, बल्कि बड़े-बड़े उद्योग जगत के लिए भी सेहत सुधारने का अहम जरिया है।
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दरअसल, वर्ष 2008 में कोलकाता में साइकिल की सवारी 38 रास्तों पर सवारी प्रतिबंधित कर दी गई थी। इसके बाद यह संख्या बढ़ाकर 70 कर दी गई। जिन रास्तों पर साइकिल चलाने की अनुमति नहीं थी, वहां साइकिलिंग करने पर 100 रुपये का जुर्माना भी देना पड़ता था। हालांकि कोलकाता में अब ऐसा नहीं है और बड़े पैमाने पर साइकिलिंग को बढ़ावा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुमोदन के बाद वर्ष 2018 से हर साल तीन जून को विश्व साइकिल दिवस के तौर पर मनाया जाता है और इसदिन दुनियाभर के बुद्धिजीवी साइकिल सवारी के दीर्घजीवी होने की कामना करते हैं।