15.1 C
New Delhi
January 17, 2025
बिजनेस

ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ 20 नवम्‍बर से देशव्‍यापी आंदोलन: कैट

-कैट का ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ 40 दिनों का देशव्यापी आंदोलन का आह्वान  

नई दिल्‍ली: ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी और एफडीआई पॉलिसी का खुलेआम उल्लंघन करने के खिलाफ ट्रेडर्स 20 नवम्‍बर से 31 दिसम्‍बर तक तेज आंदोलन छेड़ने वाले हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गुरुवार को इसकी घोषणा की है। 

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने नई दिल्ली में आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य उन ई-कॉमर्स कंपनियों को बेनकाब करना है, जो सरकार की नीतियों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। साथ ही देश के खुदरा व्यापार पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा करने के मंसूबे पाले हुए हैं। हमें ऐसे सभी मंसूबों को विफल करना है। 

ई-कॉमर्स

खंडेलवाल ने ये भी बताया कि इस आंदोलन के द्वारा केंद्र सरकार से एक ई-कॉमर्स पालिसी की तुरंत घोषणा करने, एक ई-कॉमर्स रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी का गठन करने और एफडीआाई पॉलिसी के प्रेस नोट 2 की खामियों को दूर कर एक नया प्रेस नोट जारी करने को दबाव भी बनाया जाएगा। 

छोटे व्यापारियों को तबाह कर रहे ई-कॉमर्स 

खंडेलवाल ने कहा कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचने, भारी डिस्काउंट, सामान की इन्वेंट्री पर अपना नियंत्रण रखने, बड़े ब्रांड वाली कंपनियों से साठ-गांठ कर उनके उत्पाद केवल अपने पोर्टलों पर ही बेचने जैसी व्यापारिक पद्धतियों से छोटे व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह तबाह कर दिया है।

इस मामले में अनेक बैंक भी इनके पोर्टल पर खरीदी करने पर अनेक प्रकार के कैशबैक एवं डिस्काउंट देकर इन कंपनियों के साथ अनैतिक गठबंधन में शामिल हैं। इतना ही नहीं बड़ी मात्रा में देश का डाटा इन कंपनियों को एक योजनाबद्ध तरीके से लीक किया जा रहा है। 

इस संदर्भ में उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी सरकारी योजना से कोई चीज बुक कराई जाती है तो तुरंत उस व्यक्ति के पास इन कंपनियों का मैसेज पहुंच जाता है, जिससे साफ है कि भारत के रिटेल बाजार पर कब्जा करने का एक सोचा समझा षड्यंत्र चल रहा है। 

अब चुप नहीं बैठेंगे देश के व्यापारी

खंडेलवाल का कहना है कि ये ई-कॉमर्स कंपनियां आर्थिक आतंकवादी हैं और भारत के अर्थ तंत्र पर अपना आतंकवाद हावी करना चाहती हैं, जिसका पुरजोर विरोध देशभर में किया जाएगा।

देश का व्यापारी अब चुप नहीं बैठने वाला और सड़कों पर आ कर इन कंपनियों का खुला विरोध करेगा और कड़े शब्दों में मांग करेगा कि अब सरकार चुप बैठकर इन कंपनियों की और अधिक मदद नहीं करे। सीधे तौर पर नीति के उल्लंघन और इन कंपनियों के कामकाज के तरीके पर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। 

देशभर में व्‍यापारी करेंगे अब प्रदर्शन 

कैट महामंत्री ने कहा कि देश का खुदरा व्यापारी अब अपने अधिकारों का यूं खुलेआम हनन होते नहीं देख सकता। अपने हक के लिए हम हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। अब देशभर में इन कंपनियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन होंगे और वर्चुअल एवं प्रत्यक्ष व्यापारी सम्मेलनों में व्यापारी हिस्सा लेकर इस मामले पर अपनी नाराजगी का जोरदार इजहार करेंगे।

न केवल केंद्र सरकार, बल्कि सभी राज्य सरकारों से भी इन कंपनियों को अपने राज्य में माल न बेचे जाने की मांग करेंगे। देश का हर व्यापारी इस आंदोलन में हिस्सा लेगा। 

खंडेलवाल का कहना है कि देश के 7 करोड़ छोटे बड़े व्यापार से 40 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है, जिसको यूं उपेक्षित नही किया जा सकता। हम लगातार सरकार से एक ठोस ई-कॉमर्स पालिसी की मांग कर रहे हैं।

ई-कॉमर्स पॉलिसी की लगातार कर रहे मांग

हम कई बार सरकार को पत्र भेजकर एफडीआई पॉलिसी 2017 और एफडीआई पॉलिसी 2018 के प्रेस नोट नं. 2 के विदेशी कंपनियों द्वारा खुलेआम हो रहे उल्लंघन की तरफ ध्यान आकर्षित कर उन पर तुरंत कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं अन्य लोगों से इस विषय मे उचित कदम उठाने का अनुरोध भी किया है।

उन्‍होंने कहा कि मौजूदा एफडीआई पॉलिसी के उपनियम न केवल मल्टी ब्रांड रिटेल में किसी भी प्रकार की विदेशी कंपनी को निवेश की मंजूरी नही देते हैं, बल्कि किसी भी विदेशी कंपनी अथवा विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी को भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं की इन्वेंटरी को नियंत्रित करने की इजाजत भी नही देते हैं।

हालांकि, इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि कई बड़ी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे कि अमेजन पैंट्री, क्लाउडटेल पैंट्री इत्यादि सीधे तौर ग्रॉसरी रिटेल से जुड़ी “इन्वेंटरी आधारित ई-कॉमर्स मॉडल” को न केवल नियंत्रित कर रही हैं, बल्कि उनमें निवेश भी कर रही हैं। 

Read More: भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में फेसबुक की पहली डील

Related posts

मनीष सिसोदिया ने पेश किया दिल्ली विधानसभा का आउटकम बजट

Buland Dustak

सस्ते होंगे एनबीएफसी (NBFC’s) के होम और कंज्यूमर लोन

Buland Dustak

Jeff Bezos 5 जुलाई को छोड़ेंगे अमेजन के सीईओ का पद

Buland Dustak

एयर इंडिया का कारनामा, 1 मुसाफिर को लेकर फ्लाइट दुबई को रवाना

Buland Dustak

आरबीआई : नहीं बढ़ेंगी ब्याज दरें, जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान

Buland Dustak