- एक लाख करोड़ निवेश और पांच लाख रोजगार का लक्ष्य
रांची : झारखंड में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार को हुई। इस बैठक में छह उद्योग और निवेश नीति प्रस्तावों पर मुहर लगी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। कैबिनेट ने झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इंवेस्टमेंट पॉलिसी पर अपनी मुहर लगा दी है। काफी दिनों से उद्योग विभाग इस पॉलिसी पर काम कर रहा था। यह पॉलिसी पांच साल तक राज्य में प्रभावी रहेगी।
पॉलिसी में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे सरकार को एक लाख करोड़ का निवेश और करीब पांच लाख रोजगार मिलने का लक्ष्य रखा गया है। पॉलिसी एक अप्रैल 2021 से पांच सालों के लिए लागू होगी। पॉलिसी में पांच सेक्टर को तव्वजो दी गयी है, जिसमें टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेंट, एग्रो फूड प्रोसेसिंग एंड मीट प्रोसेसिंग, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्यूफैक्चर पर जोर दिया गया है।
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इन उद्योग और निवेश नीति प्रस्तावों पर लगी कैबिनेट की मुहर :
- कला संस्कृति विभाग की तरफ से गुरु शिष्य परंपरा पर योजना तैयार हुई है। विभाग की तरफ से ऐसी परंपराओं का चयन किया जाएगा, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। इन परंपराओं को विभाग संरक्षण देने के अलावा इसका प्रसार भी करेगा। योजना के मुताबिक गुरु और शिष्य का चयन होगा, जिसमें गुरु को विभाग की तरफ से 12000, सहायक गुरु को 7500 और शिष्य के भोजन और आवास पर विभाग की तरफ से 3000 रुपए खर्च किए जाएंगे। बताया गया कि किसी भी विधा के लिए 10 प्रशिक्षु का चयन किया जाएगा। इस योजना की एक विधा पर विभाग की तरफ से करीब 11.88 लाख रुपए खर्च किए जाने की योजना है।
- कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा में अनुबंध पर अपनी सेवा देने वाले सभी कर्मियों को विभाग की ओर से एक महीने की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। विभाग की तरफ से प्रोत्साहन राशि देने के लिए करीब 16.25 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।
- कोविड19 के मद्देनजर अब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स को अनुबंध पर छह महीने तक रखा जाएगा। इन्हें हर शिफ्ट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। फाइनल ईयर पीजी मेडिकल स्टूडेंट को 3500, एमबीबीएस डॉक्टर को 2000, इंटर्न को 1500, फाइल ईयर एमबीबीएस को 1200, फाइनल ईयर बीएससी नर्सिंग को 550 और आयुष-डेंटल स्टूडेंट्स को 800 रुपए प्रति शिफ्ट दी जाएगी।
- लॉकडाउन की अवधि में सभी कॉमर्शियल वाहनों का लेट फाइन विभाग की तरफ से माफ कर दिया गया है। लॉकडाउन की अवधि में अगर किसी ने टैक्स नहीं जमा किया है, तो उस टैक्स को भरने में अब लेट फाइन नहीं लगेगा।
- 2021-2023 तक के बीएड सिलेबस के लिए छात्रों का चयन परीक्षा के आधार पर नहीं बल्कि बिना परीक्षा के मेधा सूची तैयार रिजल्ट जारी की जाएगी। ऐसा कोरोना संक्रमण को देखते हुए किया जा रहा है। छात्रों की मेधा सूची स्नातक में आए नंबर के आधार पर किया जाएगा।