नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को वर्चुअल टॉय हैकाथॉन ‘टॉयकैथॉन 2021’ का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्रियों ने इस अवसर पर संयुक्त रूप से टॉयकैथॉन पोर्टल भी लॉन्च किया। इस टॉयकैथॉन का उद्देश्य भारतीय मूल्य प्रणाली पर आधारित अभिनव खिलौनों की अवधारणा को बढ़ावा देना है, जो बच्चों में सकारात्मक व्यवहार और अच्छे मूल्य को विकसित करेगा।
टॉयकाथॉन जूनियर लेवल, सीनियर लेवल और स्टार्ट अप लेवल की तीन श्रेणियों में होगी। इसमें स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय के स्टार्टअप और टॉय एक्सपर्ट्स से छात्र और शिक्षक हिस्सा ले सकते हैं। टॉयकैथॉन 2021 में भाग लेने के लिए https://toycathon.mic.gov.in लिंक पर जा सकते हैं। इस पर 5 से 20 जनवरी तक ऑनलाइन प्रस्ताव जमा किया जा सकता है।
भारत में 80 प्रतिशत खिलौने दूसरे देशों से होते हैंआयात
पोखरियाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को वैश्विक खिलौना निर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए टॉयकैथॉन का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में खिलौना बाजार का आकार लगभग एक बिलियन अमेरिकी डॉलर है लेकिन दुर्भाग्य से 80 प्रतिशत खिलौने आयात किए जाते हैं। टॉयकाथॉन का आज, सरकार द्वारा घरेलू खिलौना उद्योग और स्थानीय निर्माताओं के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए एक प्रयास है, जो अप्रयुक्त संसाधनों का दोहन कर रहा है और उनके उपयोग को बढ़ावा दे रहा है।
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण और हमारे खिलौना बाजार की विशाल क्षमता पर विचार करते हुए उन्होंने सभी से खिलौना उद्योग में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 प्राथमिक शिक्षा से शुरू होकर सीखने में नवाचार और शोध पर जोर देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों के साथ, टॉयकैथॉन का लक्ष्य देश भर में 33 करोड़ छात्रों की अभिनव प्रगति पर कब्जा करना है। खिलौने बच्चों के विकास में सशक्त माध्यम हैं।
स्वेदशी खिलौनों का निर्माण बढ़ाने की जरूरत
स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत 80 प्रतिशत खिलौनों का आयात करता है और सरकार इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वेदशी खिलौनों का निर्माण बढ़ाने की जरूरत है। उम्मीद है कि टॉयकैथॉन से खिलौनों को लेकर नए विचार सामने आएंगे। स्मृति ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से यह टॉयकैथॉन देश के सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
छात्रों को मिल सकता है 50 लाख रुपये तक का पुरस्कार
इस पहल की सराहना करते हुए, मंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब स्कूली बच्चे विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए भी नए डिजाइन और अवधारणा खिलौने बनाएंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की जरूरत के मुताबिक खिलौनों की जरूरत है।
स्मृति ने बताया कि टॉयकैथॉन में भाग लेने वाले छात्रों और संकाय सदस्यों को 50 लाख तक का पुरस्कार मिल सकता है। खिलौना निर्माण उद्योग की रक्षा और इसे प्रतिस्पर्धी बनाने और सुरक्षित खिलौनों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं।
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