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September 8, 2024
देश

भारत बंद 8 दिसम्बर में देश के व्यापार और ट्रांसपोर्ट में शामिल नहीः कैट

-भारत बंद 8 को बिहार और दिल्ली समेत देश भर में बाजार और ट्रांसपोर्ट खुले रहेंगेः ऐटवा 

देश के व्यापार और ट्रांसपोर्ट 8 दिसम्बर के भारत बंद में शामिल नही कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार समेत पूरे देश और ट्रांसपोर्ट सेक्टर के शिखर संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) ने सोमवार को कहा कि देश के व्यापार और ट्रांसपोर्ट 8 दिसम्बर को हो रहे भारत बंद में शामिल नहीं हैं।

मंगलवार को बिहार के साथ ही देश भर में बाज़ार पूरी तरह से खुले रहेंगे। सामान्य रूप से कारोबारी गतिविधियां चालू रहेंगी। ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी यथावत काम करता रहेगा और माल की आवाजाही भी पूरी तरह चालू रहेगी।

सोमवार को कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा, ऐटवा के राष्ट्रीय चैयरमैन प्रदीप सिंघल और अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन अथवा किसान आंदोलन के नेताओं ने कैट, ऐटवा से किसान आंदोलन या भारत बंद के लिए न तो संपर्क भी नहीं किया है और न समर्थन मांगा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बिहार और दिल्ली सहित देश भर के व्यापारी और ट्रांसपोर्टर्स 8 दिसम्बर के भारत बंद में शामिल नहीं होंगे।

भारत बंद
बातचीत के दौरान किसी भी बंद का कोई औचित्य नहीं

कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने कहा की जब किसान नेताओं की सरकार के साथ बातचीत का दौर चल रहा है, ऐसे में किसी भी बंद का कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश के व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों की सहानुभूति किसानों के साथ है, क्योंकि वे व्यापारियों-ट्रांसपोर्टरों की तरह ही देश की अर्थव्यवस्था का बेहद महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग हैं। हमें  भरोसा है कि सरकार और किसान नेताओं के बीच चल रही बातचीत के नतीजे अवश्य निकलेंगे।

देश के किसानों को यह भरोसा होना जरूरी है कि उनका वाजिब मुनाफा अवश्य मिलेगा

चारों नेताओं ने कहा कि देश में किसान घाटे की खेती कर रहे हैं, लिहाजा अब समय आ गया है कि जब हमें किसान को फायदे की खेती उपलब्ध कराने के सभी विकल्प न केवल उपलब्ध कराने चाहिए बल्कि उन पर एक समयबद्ध सीमा में अमल भी होना चाहिए।देश के किसानों को यह भरोसा होना जरूरी है

कि उनका वाजिब मुनाफा उन्हें अवश्य मिलेगा और यह वातावरण बनाना होगा, जिससे किसान अपने खेत में स्वतंत्र रूप से खेती कर अच्छी फसल उपजा सकें। इस क्रम में देश के व्यापारी किसानों का पूरा सहयोग करेंगे और यदि व्यापारियों की तरफ से कोई कमी होगी तो उसको दूर करेंगे।  ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी किसानों को बेहतर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

बिचौलिये नहीं हैं मंडी में कारोबार करने वाले आढ़तिये, संशोधन की करेंगे मांग

कैट बिहार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश नंदन और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि फार्म बिलों में मंडी में कारोबार करने वाले आढ़तियों को बिचौलिया कहा गया है, जिसे समाप्त किया जाये। उस पर कैट को एतराज है। वे सेवा प्रदाता हैं, जो किसानों की सहायता करते हैं और जरूरत पड़ने पर किसानों को एडवांस राशि अथवा वित्तीय सहायता देते हैं।

वे नए कानूनों के अनुसार किस तरह व्यापार कर पाएंगे, इसके बारे में सरकार को अवश्य सोचना होगा। उन्होंने बताया की कैट तीनों फार्म बिलों का गहराई से अध्यन कर रहा है और शीघ्र ही एक विस्तृत ज्ञापन सरकार को देकर संशोधन करने की मांग की जायेगी।

कैट और ऐटवा के नाम से सोशल मीडिया के जरिये बंद समर्थन का प्रचार भ्रामक-भारत बंद

चारों नेताओं ने कहा कि विभिन्न राज्यों में बंद का समर्थन करने के लिए कैट और ऐटवा दोनों के नाम से सोशल मीडिया और वाट्सएप मैसेज के जरिये बंद के समर्थन का प्रचार किया जा रहा है। यह पूरी तरह भ्रामक और शरारतपूर्ण काम है। हम अपने किसान भाइयों के साथ सहानुभूति रखते हैं और चाहते हैं कि वर्तमान में चल रहे विवाद का जल्द से जल्द अंत हो।

साथ ही कोविड महामारी के मौजूदा संकट काल में जैसे-तैसे कुछ व्यापार लाइन पर आया है, ऐसी अवधि में किसी भी बंद को आयोजित करने का कोई मतलब नहीं है। समस्त विवादों को बातचीत के जरिये सुलझाया जाया चाहिए।

उन्होंने किसान नेताओं को सलाह दी कि कुछ असामाजिक तत्व उनके आंदोलन की पवित्रता को अपने निहित स्वार्थों के कारण भंग कर सकते हैं और किसान और सरकार के बीच खाई बना सकते हैं। इस पर न केवल किसानों को बल्कि सरकार को भी ध्यान रखना होगा।

यह भी पढ़ें: बैंक निजीकरण: सरकारी बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी

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