- मालाबार-20 नौसेनाओं के अभ्यास का दूसरा चरण 20 नवम्बर तक चलेगा - क्वाड समूह के चारों देशों की सेनाओं को साथ लाएगा नौसैन्य अभ्यास
नई दिल्ली: पश्चिमी हिन्द महासागर में मंगलवार सुबह से मालाबार-20 अभ्यास का दूसरा चरण शुरू हुआ जो 20 नवम्बर तक चलेगा। बंगाल की खाड़ी में हुए पहले चरण के नौसेनाओं के अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेनाएं अभ्यास कर चुकी हैं। दूसरे चरण में अमेरिकी नौसेना युद्धपोत यूएसएस निमित्ज़ और भारतीय नौसेना युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य के साथ अरब सागर में उतरीं हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई और जापानी नौसेना अपने-अपने जहाजों के साथ इस अभ्यास में हिस्सा लेने आईं हैं।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार भारत ने 44,500 टन के आईएनएस विक्रमादित्य को अपने मिग-29 के फाइटर जेट्स के साथ तैनात किया है, जबकि अमेरिका ने 100,000 टन से अधिक परमाणु चालित यूएसएस निमित्ज वाहक को एफ-18 फाइटर्स और ई-2 सी हॉके के साथ चार दिवसीय सैन्य अभ्यास के लिए भेजा है। चार दिनों तक चलने वाला मालाबार-20 अभ्यास का दूसरा चरण भारतीय नौसेना के विक्रमादित्य कैरियर बैटल समूह और अमेरिका की नौसेना के निमित्ज कैरियर स्ट्राइक समूह के आसपास केंद्रित होगा।
पनडुब्बी और हवाई जहाजों के साथ होंगे युद्धाभ्यास
इस अभ्यास में भाग लेने वाली नौसेनाओं के अन्य जहाजों, पनडुब्बी और हवाई जहाजों के साथ ये युद्धपोत चार दिनों तक उच्च तीव्रता वाले नौसैनिक अभियानों में शामिल रहेंगे। इसके अलावा चार मित्र नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन और तालमेल बढ़ाने के लिए, उन्नत सतह और पनडुब्बीरोधी युद्ध अभ्यास, सिमैनशिप कर्मिक विकास और हथियारों से फायरिंग भी की जाएगी।
इस नौसैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना के युद्धपोत विक्रमादित्य, इसके लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर एयर-विंग्स, स्वदेशी विध्वंसक कोलकाता और चेन्नई के साथ-साथ, स्टील्थ फ्रिगेट तलवार, फ्लीट सपोर्ट जहाज दीपक और इंटीग्रल हेलीकॉप्टर भाग ले रहे हैं, जिसकी अगुवाई पश्चिमी बेड़े के कमांडिंग फ्लैग ऑफिसर रियर एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन को सौंपी गई है। स्वदेश निर्मित पनडुब्बी खंडेरी और भारतीय नौसेना के पी-8 आई समुद्री टोही विमान भी इस अभ्यास के दौरान अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।
भारत और अमेरिका के बीच एक वार्षिक द्विपक्षीय नौसेनाओं का अभ्यास 1992 में शुरू
इसी तरह अमेरिकी नौसेना के स्ट्राइक कैरियर निमित्ज में पी-8ए समुद्री टोही विमान के अलावा क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक स्टेरेट इस नौसैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने आये हैं। रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का प्रतिनिधित्व इंटेग्रल हेलीकॉप्टर के साथ-साथ बैलरेट कर रहे हैं। जापान की नौसेना जेएमएसडीएफ भी इस अभ्यास में भाग ले रही है। मालाबार के 24वें संस्करण में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना 13 साल बाद शामिल होकर क्वाड समूह के नौसैन्य अभ्यास का गवाह बनी है।
युद्ध अभ्यास की मालाबार श्रृंखला, भारत और अमेरिका के बीच एक वार्षिक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में 1992 में शुरू की गई थी। इन वर्षों के दौरान इसका दायरा और जटिलता लगातार बढ़ी है। इस नौसेना अभ्यास में जापान पहली बार 2015 में शामिल हुआ था। यह वार्षिक नौसैन्य अभ्यास वर्ष 2018 में फिलीपीन सागर में गुआम तट पर आयोजित किया गया। साल 2019 में जापान तट पर हुआ और अब 24वें संस्करण का पहला चरण बंगाल की खाड़ी में और दूसरा चरण अरब सागर में हो रहा है।
वर्तमान में चल रहे नौसैन्य अभ्यास में समुद्री मुद्दों पर चार जीवंत लोकतंत्रों के बीच विचारों की समग्रता पर प्रकाश डाला जा रहा है। इसके अलावा एक खुले, समावेशी भारत-प्रशांत तथा कानून आधारित अंतरराष्ट्रीय आदेश के प्रति क्वाड समूह के चारों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया है। यह अभ्यास औपचारिक रूप से क्वाड समूह के चार देशों की सेनाओं को एक साथ लाएगा।
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