- राज्य के 38 जिलों में बने 55 मतगणना केंद्र - चुनाव आयोग ने की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था - सभी केंद्रों की सीसीटीवी से होगी निगरानी - 78 कंपनियां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनात
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार 10 नवम्बर की सुबह 8 बजे से शुरू हो जायेगी। इसके थोड़ी देर बाद ही नतीजों के रुझान मिलने लगेंगे और दोपहर तक बहुत हद तक तस्वीर साफ हो जाएगी।
मतगणना के लिए चुनाव आयोग ने मुकम्मल तैयारी की है। वोटों की गिनती के लिए राज्य के सभी 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाये गए हैं। 414 हॉलों में मतगणना की जायेगी। निगरानी के लिए सीसीटीवी की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही 78 कंपनियां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती भी की गई है।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरण में चुनाव हुए हैं। पहले चरण में 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण की 94 सीटों पर 3 नवम्बर और तीसरे चरण की 78 सीटों पर 7 नवम्बर को वोट डाले गये थे।
सभी 243 सीटों के लिए 57.05 फीसदी मतदान हुए हैं। पहले फेज में 55.68 प्रतिशत, दूसरे फेज में 55.70 प्रतिशत और तीसरे चरण में 59.94 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच है।
फाइनल चुनाव परिणाम के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार
चुनाव आयोग के अनुसार स्ट्रांग रूम में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) कड़ी सुरक्षा में है। मतगणना केंद्रों के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सीएपीएफ, बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) और फिर जिला पुलिस को तैनात किया गया है।
सिर्फ मतगणना केंद्रों की सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की 19 कंपनियों को तैनात किया है। इसके अलावा, मतगणना गिनती की प्रक्रिया के साथ ही कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 59 सीएपीएफ कंपनियों को तैनात किया है।
एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मी शामिल होते हैं।इसके साथ ही राज्य में कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किए जाने को लेकर सख्त कदम उठाये गये हैं।
मतगणना केंद्रों में प्रवेश के लिए फेस मास्क अनिवार्य है। सैनिटाइजर को पर्याप्त मात्रा में वहां रखे जाएंगे। इसके अलावा सभी दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों के एजेंट भी मतगणना केंद्रों में रहेंगे। इस बार फाइनल चुनाव परिणाम के लिए थोड़ा ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि कोविड-19 इफेक्ट के मद्देनजर इस बार पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाई गई है।
चुनाव आयोग ने 1000 से अधिक मतदाता होने पर नया बूथ बनाने का निर्देश दिया था। इसकी वजह से ईवीएम की संख्या भी बढ़ी है। ऐसे में काउंटिंग का समय भी बढ़ेगा और नतीजे देर से मिलने के आसार हैं।
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