- इस हमले में सीआरपीएफ के शहीद हुए थे 40 जवान - चार्जशीट में जैश सरगना मसूद अजहर और रऊफ असगर मसूद सहित कुल 20 आतंकियों के नाम हैं शामिल
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले मामले में आज जम्मू की स्पेशल एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। कुल 13,500 पन्नों की चार्जशीट में जैश सरगना मसूद अजहर और रऊफ असगर मसूद सहित कुल 20 आतंकियों के नाम शामिल हैं। इससे एक बार फिर पाकिस्तान बेनकाब हो चुका है।
मंगलवार को एनआईए द्वारा एनआईए कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में जैश-ए मोहम्मद (जेएम) आतंकी मसूद अजहर के दो भतीजे उमर फारूख और आदिल डार का नाम भी शामिल है। करीब 18 महीने तक चली इस जांच में एनआईए ने वैज्ञानिक और डिजिटल सबूतों के आधार पर इस मामले की छानबीन की और आरोपियों के कॉल रिक़ॉर्ड, व्हाट्सएप चैट, फोटो और वीडियो बरामद किए हैं। उसके आधार पर सबूत तैयार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। एनआईए इस मामले में अब तक कुल सात आतंकी आरोपियों- बिलाल अहमद कुचे, शाकिर बशिर मार्जरे, तारिक अहम शाह, इंशा जां, वैज उल इस्लाम, मोहम्मद अब्बास राठर और मोह्मद इकबाल राठर को गिरफ्तार कर चुकी है। बिलाल अहमद कुचे और उसके साथियों ने ही सीआरपीएफ पर हमला किया था। एनआईए ने बिलाल को कश्मीर के पुलवामा से गिरफ्तार कर उसे जम्मू की स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 10 दिन की रिमांड पर लिया गया। फिर उसने जो बयान दिया और अन्य छह आतंकियों की तस्दीक की, उनको भी एनआईए अब गिरफ्तार कर चुकी है।
हमले का मुख्य साजिशकर्ता उमर फारूख
जांच में शामिल अधिकारियों के अनुसार पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों के बीच हुई बातचीत और व्हाट्सएप चैट्स की डिटेल्स भी चार्जशीट में पेश की गई है। इसके अलावा पाकिस्तान से इंटरनेशनल बॉर्डर के जरिए जिस तरह आरडीएक्स लाने की पूरी साजिश का सिलसिलेवार पूरा ब्योरा दिया गया है। साथ ही पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के सरगना मसूद अजहर और हमले में शामिल अन्य आतंकियों के सबूत भी हैं। आंतकी घुसपैठ करते समय अपने बैग में बंदूक समेत बारूद छिपाकर लाये थे और इस हमले में 20 किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था।
एनआईए जांच अधिकारियों के अनुसार हमले का मुख्य साजिशकर्ता उमर फारूख था। वह 29 मार्च 2020 को आईडी एक्सपर्ट कामरान समेत मुठभेड़ में मारा जा चुका है। फारूख ने अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ किया था और उसी ने पुलवामा हमले के लिए कार में आरडीएक्स एसेंबल किया था। उसके व्हाट्सएप मैसेज से इसका खुलासा हुआ कि वह अपनी हर गतिविधि की जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।
साथ ही आतंकी बिलाल अहमद के बारे में पता चला। बिलाल कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है और घर में ही आरा मशीन चलाता था। इसने हमले से पहले आतंकी अदील अहमद डार और अन्य आतंकियों को अपने घर में पनाह दी थी। इसके अलावा एनआईए ने पुलवामा हमले के आरोपी आतंकियों को पनाह देने के आरोप में बाप-बेटी तारिक अहमद शाह और इंशा जहां को भी गिरफ्तार किया था। बिलाल अहमद पर यह भी इल्जाम है कि उसने आतंकियों को महंगे मोबाइल फोन लेकर दिए, जिनके जरिए आतंकी पाकिस्तान में जैश-ए मोहम्मद के सरगनाओं से बातचीत करते थे।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने पुलवामा हमले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की