- छात्रों को बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड की डिग्री मिलेगी एक साथ
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) को अधिसूचित कर दिया। अब, बीएड पाठ्यक्रम को एकीकृत किया जाएगा और यह चार साल की अवधि का होगा।
चार साल की बीएड डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड की डिग्री एक साथ मिलेगी। आमतौर पर, इन दो डिग्रियों को पूरा करने में छात्रों को पांच साल लगेंगे। एकीकृत डिग्री दोनों डिग्री प्रदान करेगी और छात्रों के लिए एक वर्ष की बचत होगी।
शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि एनईपी 2020 के अनुसार वर्ष 2030 से शिक्षकों की भर्ती केवल एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) के माध्यम से होगी। इसे शुरू में देश भर के लगभग 50 चयनित बहु-विषयक संस्थानों में पायलट मोड में पेश किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया है कि यह एक छात्र-शिक्षक को शिक्षा में डिग्री के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र, या वाणिज्य जैसे विशेषीकृत विषयों में डिग्री प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक अध्यापन कला प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान (एफएलएन), समावेशी शिक्षा, और भारत तथा इसके मूल्यों/लोकाचार/कलाओं/परंपराओं व अन्य चीजों की समझ विकसित करने में आधार तैयार करने का काम करेगा।
4 वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम पाठ्यक्रम से छात्रों को काफी लाभ होगा
ITEP उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक शिक्षा के बाद शिक्षण को एक पेशे के रूप में लेना चाहते हैं। इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को काफी लाभ होगा, क्योंकि वे वर्तमान बीएड पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक पांच साल के बजाय चार साल में ही इसे पूरा कर लेंगे, जिससे उनके एक साल की बचत होगी।
चार वर्षीय ITEP की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से होगी। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) के जरिए इस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। यह पाठ्यक्रम बहु-विषयक संस्थानों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा और यह स्कूली शिक्षकों के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता बन जाएगा।
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चार वर्षीय ITEP राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख उद्देश्यों में से एक को पूरा करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह पाठ्यक्रम पूरे अध्यापक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
भारतीय मूल्यों और परंपराओं के आधार पर तैयार बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले भावी शिक्षकों को वैश्विक मानकों पर 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार शिक्षा दी जाएगी और इस प्रकार यह नए भारत के भविष्य को आकार देने में काफी हद तक सहायक होगा।