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January 30, 2025
उत्तर प्रदेश

राजधानी-सिलहटा बांध कटा, चौरीचौरा क्षेत्र के दर्जन भर गांव डूबे

- गोरखपुर-वाराणसी और बांसगांव-खजनी मार्ग बंद
- दो दर्जन से अधिक स्थानों पर बंधों में रिसाव
- रात-रात जगकर ग्रामीण कर रहे बंधों की रखवाली

गोरखपुर: जिले में नदियां तबाही पर उतर आईं हैं। शुक्रवार को गोर्रा नदी के किनारे स्थित राजधानी-सिलहटा बांध कट गया। दर्जन भर गांव पानी से घिर गए हैं। राप्ती-रोहिन, सरयू और आमी नदी में आई उफान से गोरखपुर-वाराणसी तथा बांसगांव-खजनी मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है।

दर्जनों स्थानों पर बंधों में रिसाव शुरू है। ग्रामीणों की सांसें अटकी हैं। रिसाव रोकने के लिए सिंचाई विभाग के साथ मिलकर ग्रामीण भी काम कर रहे हैं। हालात यह है कि दक्षिण इलाके के ग्रामीणों को पूरी रात जागना पड़ रहा है और बंधों की रखवाली करना पड़ रही है।

राजधानी सिलहटा बांध

राप्ती, गोर्रा और सरयू नदी पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन नदियों का जलस्तर अब भी बढ़ रहा है। जबकि रोहिन के जलस्तर में कुछ कमी आई है। राप्ती नदी वर्ष 1998 के सर्वोच्च जलस्तर 77.54 आरएल मीटर को पार करने के लिए बेताब है। यह शुक्रवार की शाम 77.29 आरएल मीटर तक पहुंच गया।

गोर्रा नदी का जलस्तर वर्ष 1997 के सर्वोच्च जलस्तर 72.15 आरएल मीटर के करीब 72.05 आरएल मीटर पहुंच चुका है। दोपहर में इस नदी ने राजधानी-सिलहटा बांध को जोगिया गांव के पास काट दिया। पलक झपकते ही दर्जन भर से अधिक गांव जलमग्न हो गए। गोर्रा का पानी लगातार फैल रहा है।

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आमी भी तबाही मचा रही है

नकबैठा पुल के पास पानी चढ़ गया है। स्थिति भयावह बनने से गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बन्द कर दिया गया है। इसमें उफान से बांसगांव-खजनी मार्ग पर पानी का दबाव बढ़ गया है। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए इस मार्ग पर भी आवागमन रोक दिया गया है।

गोरखपुर से वाराणसी की तरफ जाने वाले छोटे-बड़े सभी वाहन खजनी, सिकरीगंज-गोला होकर आ-जा रहे हैं। कौड़ीराम की तरफ जाने वाले वाहनों को खजनी से सीधे बांसगांव की बजाय माल्हनपर होकर जाने दिया जा रहा है।

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